पाकिस्तान में टमाटर ₹600 किलो, सप्लाई घटने से दाम 400% बढ़े

पाकिस्तान में इन दिनों टमाटर सिर्फ सब्ज़ी नहीं, एक लग्ज़री आइटम बन चुका है। जिस चीज़ को कभी लोग बिना सोचे खरीद लेते थे, अब उसके लिए जेब टटोलनी पड़ रही है। इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे बड़े शहरों में टमाटर की कीमतें ₹600 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। ये वही टमाटर है जो कुछ दिन पहले ₹50-₹100 में मिल रहा था। यानी दामों में करीब 400% की उछाल।
अफगानिस्तान से तनाव ने तोड़ी सप्लाई चेन
11 अक्टूबर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद ने हालात बिगाड़ दिए हैं। टोर्कहम और चमन बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं, जिससे अफगानिस्तान से आने वाले टमाटर के ट्रक फंसे हुए हैं। लगभग 5,000 कंटेनर दोनों तरफ खड़े हैं, और रोजाना आने वाले 80-120 ट्रकों की सप्लाई अब पूरी तरह बंद हो चुकी है।
इस्लामाबाद के सब्ज़ी विक्रेता मोहम्मद इमरान बताते हैं, “अब टमाटर ईरान, सिंध और क्वेटा से आ रहा है, लेकिन मात्रा बहुत कम है। मांग ज्यादा है, माल कम है – यही वजह है कि दाम आसमान छू रहे हैं।”
लोकल फसलें भी नहीं दे रही राहत
पाकिस्तान के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ ने टमाटर की फसल को बर्बाद कर दिया। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध में खेतों में पानी भर गया, जिससे फसल पकने में देरी हुई। लाहौर के बादामी बाग मार्केट में पहले जहां रोजाना 30 ट्रक टमाटर आते थे, अब सिर्फ 15-20 ही पहुंच रहे हैं।
बलूचिस्तान की फसल खत्म हो रही है और ईरान से आयात भी कम हो गया है। ऐसे में डिमांड और सप्लाई के बीच का फासला और बढ़ गया है।
बाजार में मनमानी और आम आदमी की परेशानी
कमज़ोर निगरानी का फायदा उठाकर थोक व्यापारियों और रिटेलर्स ने कीमतें मनमाने तरीके से बढ़ा दी हैं। कई जगहों पर थोक कीमत से दोगुनी दर पर टमाटर बेचा जा रहा है। इस्लामाबाद के G-9 मार्केट में एक ग्राहक शान मसीह कहते हैं, “हर खाने में टमाटर चाहिए, लेकिन अब खरीदना मुश्किल हो गया है।” वहीं एक शॉपर नुसरत जहां ने बताया कि उन्होंने एक किलो टमाटर ₹400 में खरीदा।
पहले भी झेल चुके हैं महंगाई की मार
ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में खाने-पीने की चीज़ें इतनी महंगी हुई हैं। जुलाई 2023 में आटे की कीमत ₹320 प्रति किलो तक पहुंच गई थी। कराची में 20 किलो आटे का बैग ₹3,200 में बिक रहा था। उस वक्त इसे ‘दुनिया का सबसे महंगा आटा’ कहा गया था। चीनी की कीमतें भी ₹160 प्रति किलो तक पहुंच चुकी थीं।
पाकिस्तान में टमाटर की कीमतें सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि आम आदमी की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर सीधा असर डाल रही हैं। जब एक आम सब्ज़ी लग्ज़री बन जाए, तो समझिए हालात गंभीर हैं। अफगानिस्तान से तनाव, लोकल फसल की तबाही और बाजार की मनमानी ये सब मिलकर एक ऐसा संकट बना रहे हैं, जिससे निकलना आसान नहीं होगा।
