पाकिस्तान में आर्मी चीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जज, PTI के विरोध प्रदर्शन की तैयारी

पाकिस्तान में आर्मी चीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जज, PTI के विरोध प्रदर्शन की तैयारी
X
पाकिस्तान में आर्मी चीफ आसिम मुनीर को शक्तियां बढ़ाने वाला 27वां संशोधन, सुप्रीम कोर्ट जजों के इस्तीफे और PTI के विरोध प्रदर्शन की तैयारी।

पाकिस्तान में आर्मी चीफ आसिम मुनीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बागी तेवर देखने को मिले हैं। दो वरिष्ठ जज मंसूर अली शाह और अतहर मिनल्लाह ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्मी चीफ को कानूनी संरक्षण देना और तीनों सेनाओं का डिफेंस चीफ बनाना संविधान के खिलाफ है। जजों ने अपने इस्तीफे में कहा कि 27वें संवैधानिक संशोधन लोकतंत्र के अन्य स्तंभों को कमजोर करने वाला है। सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी जल्द इस्तीफा दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में पदों की स्थिति

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में कुल 16 जज हैं, लेकिन 9 पद खाली हैं। दो जजों के इस्तीफे के बाद अब केवल 14 जज सिटिंग हैं। नए संशोधन ने सुप्रीम कोर्ट की कई शक्तियों को राष्ट्रपति के अधीन कर दिया है।

27वें संविधान संशोधन के प्रमुख बिंदु

संविधान संशोधन के तहत आर्मी चीफ तीनों सेनाओं के डिफेंस चीफ (CDF) बन गए हैं। अब उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती। नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड (NSC) का गठन भी इसी Amendment का हिस्सा है। इसके तहत पाकिस्तान के परमाणु हथियार और मिसाइल सिस्टम पूरी तरह सेना के नियंत्रण में होंगे। NSC के कमांडर को भले ही प्रधानमंत्री की मंजूरी से नियुक्त किया जाएगा, लेकिन यह नियुक्ति सेना प्रमुख की सिफारिश पर ही होगी।

इमरान खान की पार्टी और विपक्षी प्रतिक्रिया

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI ने 27वें Amendment को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। संसदीय समिति ने देशभर में विरोध प्रदर्शन की तैयारी का सुझाव दिया है। साथ ही विपक्षी गठबंधन TTAP ने बैठक में सरकार के खिलाफ रणनीति तय की। पूर्व स्पीकर असद कैसर ने कहा कि जजों के इस्तीफे सरकार के खिलाफ “पहली बारिश की बूंद” हैं।

संसद में बिल 234 मतों से पास

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने यह बिल 234 मतों से पास किया। सीनेट ने इसे दो दिन पहले मंजूर कर लिया था। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हस्ताक्षर के बाद यह कानून प्रभावी हो जाएगा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नवाज शरीफ ने नेशनल असेंबली के सत्र में मौजूदगी दर्ज की।

सैन्य और लोकतंत्र के बीच तनाव बढ़ेगा

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस संवैधानिक बदलाव से पाकिस्तान में सैन्य और लोकतंत्र के बीच तनाव बढ़ सकता है। विपक्षी दलों और PTI के विरोध प्रदर्शन आगामी राजनीतिक माहौल को और अस्थिर कर सकते हैं। परमाणु हथियारों का नियंत्रण अब पूरी तरह सेना के हाथ में होने से सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय चिंता भी बढ़ सकती है।

Tags

Next Story