नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपॉल का निधन
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लंदन। त्रिनिदाद में जन्मे भारतीय मूल के लेखक नोबेल पुरस्कार विजेता विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल (बीएस नायपॉल) का निधन हो गया है। वह 85 वर्ष के थे। उन्होंने लंदन स्थित अपने घर में शनिवार रात को अंतिम सांस ली। उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी मौत की पुष्टि की है।
नायपॉल का जन्म 17 अगस्त 1932 को त्रिनिदाद के चागौनास में हुआ था। जहां उनके दादा वर्ष 1880 में भारत से जाकर बसे थे। उनके पिता सूरजप्रसाद त्रिनिदाद गॉर्जियन में रिपोर्टर और फिक्शन लेखक थे। ऐसा कहा जाता है कि उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रहने वाले थे और जाति से भूमिहार ब्राह्मण थे।
नायपॉल स्कॉलरशिप पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पढ़ने गए। उन्होंने बाकी की पूरी जिंदगी लंदन में गुजार दी। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार समेत कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1971 में बुकर प्राइज और 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नायपॉल की पहली किताब 'द मिस्टिक मैसर' 1951 में प्रकाशित हुई थी। उनकी चर्चित रचनाओं में 'ए बेंड इन द रिवर' और 'अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास' हैं।
नायपॉल के निधन के बाद उनकी पत्नी ने एक बयान में कहा, "उनकी सभी उपलब्धियां महान हैं। उन्होंने अपनी अंतिम सांस अपने प्रियजनों के बीच ली। उनका जीवन अद्भुत रचनात्मकताओं एवं प्रयासों से भरा था।"
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