युद्ध के बीच हमास ने 25 बंधकों को किया रिहा, रेड क्रॉस को सौंपे गए इजराइली बंधक
इजराइल-हमास के बीच 49 दिनों से जारी युद्ध में शुक्रवार को युद्धविराम लागू होने के बाद हमास ने संघर्षविराम के बाद पहली बार 25 बंधकों को रिहा किया है। इनमें 13 इजराइली और 12 थाईलैंड के नागरिक हैं। गौरतलब है कि शर्तों के तहत दोनों देश चार दिनों के लिए युद्ध रोकने पर सहमत हुए हैं। इस समझौते के तहत इजराइल भी बंदी बनाए गए फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
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तेल अवीव । इजराइल-हमास के बीच 49 दिनों से जारी युद्ध में शुक्रवार को युद्धविराम लागू होने के बाद हमास ने संघर्षविराम के बाद पहली बार 25 बंधकों को रिहा किया है। इनमें 13 इजराइली और 12 थाईलैंड के नागरिक हैं। गौरतलब है कि शर्तों के तहत दोनों देश चार दिनों के लिए युद्ध रोकने पर सहमत हुए हैं। इस समझौते के तहत इजराइल भी बंदी बनाए गए फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने 12 बंधकों की रिहाई की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर को इजराइल में हमास के हमले के दौरान फलस्तीन आतंकवादियों द्वारा अपहरण किए गए 12 थाई बंधकों को युद्धविराम शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर रिहा किया गया। दूतावास के अधिकारी जल्द ही इन बंधकों के पास पहुंचने वाले हैं। रिहा किए गए इन बंधकों के नाम और अन्य जानकारी जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे।
हमास ने जिन लोगों को बंधक बनाया है, उनमें सिर्फ इजराइली नागरिक ही नहीं हैं। बल्कि दुनिया के कई देशों के नागरिक भी हैं। ज्यादातर बंधक वो हैं, जो 7 अक्टूबर को म्युजिक फेस्टिवल में शामिल हुए थे। हमास ने यहीं से नागरिकों को बंधक बनाया था। जानकारी के मुताबिक, हमास ने जिन देशों के नागरिकों को बंधक बनाया है, उनमें इजराइल के अलावा अमेरिका, थाईलैंड, जर्मनी, अर्जेंटिना, ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड्स और पुर्तगाल के नागरिक भी शामिल हैं।
गाजा में हमास अधिकारियों के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्कूल में 200 लोग मारे गए या घायल हुए। वहीं इजराइल की सेना ने कोई बयान नहीं दिया है। 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमले के बाद इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई थी, जिसमें उसके लड़ाकों ने 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 240 लोगों को बंधक बना लिया था। हमास शासित गाजा पट्टी में अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ाकर 12,300 कर हो गई है जिसमें 5,000 बच्चे भी शामिल हैं।
Swadesh Bhopal
Madhya Swadesh Bhopal Web Desk