दक्षिण चीन सागर में भारत - फिलीपींस के युद्धाभ्यास से चीन को आपत्ति
भारत का लगभग 55% समुद्री व्यापार दक्षिण चीन सागर के रास्ते होता है।
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वेब डेस्क। भारत और फिलीपींस द्वारा दक्षिण चीन सागर में कुछ दिन पहले एक युद्धाभ्यास किया गया है जिस पर चीन ने नाराजगी जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने दिए गए बयान में कहा है कि दो देशों के रक्षा सहयोग से किसी तीसरे देश की शांति व सुरक्षा भंग नहीं होना चाहिये।
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर पर चीन और फिलीपींस सहित कई देश अपना अधिकार जताते हैं जिस वजह से चीन की नौसेना से उनकी झड़प होती रहती है। हाल ही के दिनों में फिलीपींस के एक जहाज पर चीनी युद्धपोत द्वारा वॉटर कैनन का प्रयोग किया गया और बताया गया कि फिलीपींस ने उनके क्षेत्र में घुसने की कोशिश की। इन दो देशों के अलावा ताइवान, वियतनाम, ब्रूनेई, मलेशिया व इंडोनेशिया भी इस क्षेत्र पर अपना अधिकार बताते हैं जिसका कारण यहाँ पाये जाने वाले खनिज संसाधन और प्राकृतिक तेल हैं। मछलियों का भारी मात्रा में पाया जाना भी इसे एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाता है। इसीलिये यह क्षेत्र वर्चस्व को लेकर विवादों में रहता है।
भारत के लिए भी इस क्षेत्र का आर्थिक व सामरिक महत्व है। भारत का लगभग 55% समुद्री व्यापार इसी रुट से होता है और यह क्षेत्र हिन्द महासागर और प्रशांत महासागार को जोड़ने के लिये मार्ग प्रदान करता है। चीन के इस क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिये व भारत की सुरक्षा के दृष्टिकोण व आसियान देशों के साथ सम्बन्ध मजबूत करने के लिये भारत द्वारा भी प्रयास किये जा रहे हैं और इसी के तहत भारत द्वारा इस क्षेत्र में नौसेना द्वारा अभ्यास किया जाता है और सुरक्षात्मक दृष्टि से यह अत्यंत आवश्यक भी है। भारत का सबसे अधिक व्यापार इसी रुट से होता है। आसियान देशों के साथ भारत के व्यापारिक व रक्षा संबंध हैं और यदि चीन का इस क्षेत्र पर प्रभुत्व हो गया तो भारत के लिये आर्थिक व सामरिक हानि हो सकती है। अपने भविष्य को सुरक्षित करने लिये भारत को इस क्षेत्र में अपना प्रभाव और अधिक बढ़ाना चाहता है।
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