बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव: तख्तापलट के डेढ़ साल बाद वोटिंग

बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव: तख्तापलट के डेढ़ साल बाद वोटिंग
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बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव, शेख हसीना के तख्तापलट के डेढ़ साल बाद वोटिंग। उसी दिन जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह।

ढाका। बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 के तख्तापलट के करीब डेढ़ साल बाद देश आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन ने गुरुवार शाम ऐलान किया कि 12 फरवरी 2026 को संसद के 300 सीटों के लिए मतदान होगा। उसी दिन जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह भी कराया जाएगा।

तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आ गई थीं और अगस्त 2024 से वह भारत में ही रह रही हैं। उस वक्त छात्र आंदोलन ने उनकी 15 साल पुरानी सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। इसके बाद से नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार काम कर रही है।

जुलाई चार्टर क्या है?

जुलाई चार्टर अंतरिम सरकार का संवैधानिक और राजनीतिक सुधारों का 26-सूत्री दस्तावेज है। इसके प्रमुख प्रावधान प्रधानमंत्री की सत्ता सीमित करना और एक व्यक्ति का कुल कार्यकाल 8 या 10 साल तक सीमित रखना है साथ ही सत्ता के केंद्रीकरण को भीरोकना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पहले जनता से इस चार्टर पर राय ली जाएगी, उसके बाद चुनाव होंगे।

चुनाव प्रक्रिया भारत जैसी

बांग्लादेश में चुनावी व्यवस्था भारत से काफी मिलती-जुलती है देश की300 सीटों पर सीधे चुनाव होता है, 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित इन पर अप्रत्यक्ष चुनाव होता है। सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन अपना नेता चुनती है, वही फिर प्रधान मंत्री बनता है। फिुर राष्ट्रपति शपथ दिलाते हैं। बांग्लादेश की संसद एक सदनीय है इसमें राज्यसभा जैसा कोई उच्च सदन नहीं है। चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद अवामी लीग, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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