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चीन-रूस को मात देने 'ब्रह्मास्त्र' बना रहा अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ब्रह्मास्त्र का निर्माण कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका अभी अविश्वसनीय मिलिट्री एक्विपमेंट बना रहा है। उन्होंने इसे सुपर-डुपर मिसाइल नाम दिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि हमारे पास अभी जो मिसाइलें मौजूद हैं यह उससे यह 17 गुना तेज है। ट्रंप के इस भाषण को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रेस सेक्रटरी जोनाथन हॉफमैन ने ट्वीट किया है। इस दौरान ट्रंप ने अपनी नवगठित स्पेस फोर्स का झंडा भी लॉन्च किया।

हाइपरसोनिक मिसाइल आवाज की रफ्तार (1235 किमी प्रतिघंटा) से कम से कम पांच गुना तेजी से उड़ान भर सकती है। ऐसी मिसाइलों की न्यूनतम रफ्तार 6174 किमी प्रतिघंटा होती है। ये मिसाइलें क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर्स से लैस होती हैं। लॉन्चिंग के बाद यह मिसाइल पृथ्वी की कक्षा से बाहर चली जाती है। जिसके बाद यह टारगेट को अपना निशाना बनाती है। तेज रफ्तार की वजह से रडार भी इन्हें पकड़ नहीं पाते हैं।


अमेरिका द्वारा 30 साल पुरानी इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (आईएनएफ) संधि से खुद को अलग कर लेने के बाद दुनियाभर में हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने की होड़ मच गई है। संधि से अलग होने के एक सप्ताह बाद ही 20 अगस्त को अमेरिका ने 500 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली एक क्रूज मिसाइल का परीक्षण कर रूस को नाराज कर दिया था। जिसके जवाब में उसने दिसंबर 2019 में ध्वनि से गति से 27 गुना ज्यादा तेज अवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल को अपनी सेना में शामिल किया था।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में एक समारोह के दौरान अमेरिकी ऑर्म्ड फोर्सेस की छठी और सबसे नई विंग यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स में इस झंडे को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री के कई अधिकारी भी मौजूद थे। यह झंडा देखने में गहरे नीले रंग का है जिसमें तीन बड़े स्टार बने हुए हैं। इस झंडे में स्पेस फोर्स का लोगो भी बना हुआ है।

बता दें कि अमेरिकी स्पेस फोर्स का गठन दिसंबर 2019 में अंतरिक्ष की चुनौतियों खासकर रूस और चीन से पैदा होने वाले खतरों को देखकर किया गया था। इस फोर्स में वर्तमान में 16 हजार कर्मचारी हैं। जनरल जॉन रेमंड को इसका पहला प्रमुख नियुक्त किया गया है।

Updated : 16 May 2020 1:38 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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