वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ से 10 मौतें, एकादशी पर हादसा

शनिवार की सुबह,आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में एकादशी के अवसर पर हजारों श्रद्धालु उमड़े थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि मंदिर परिसर की रेलिंग अचानक टूट गई। कुछ ही पलों में अफरा-तफरी मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। चीख-पुकार, धक्का-मुक्की और भगदड़ ने माहौल को भयावह बना दिया। हादसे में 10 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं। कई घायल हुए, कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे की वजह: श्रद्धा या लापरवाही?
यह सवाल अब हर किसी के मन में है। क्या यह हादसा श्रद्धा की अति थी या प्रशासन की लापरवाही? एकादशी जैसे पर्व पर मंदिर में भीड़ जुटना आम बात है। लेकिन क्या सुरक्षा इंतजाम पर्याप्त थे?
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर प्रशासन को पहले से अंदेशा था कि एकादशी पर भारी भीड़ उमड़ेगी। फिर भी रेलिंग जैसी बुनियादी संरचना कमजोर बनी रही। कोई बैरिकेडिंग नहीं, कोई भीड़ नियंत्रण योजना नहीं। नतीजा एक छोटी सी चूक ने कई परिवारों को उजाड़ दिया।
आंखों देखी: एक श्रद्धालु की कहानी
60 वर्षीय लक्ष्मी देवी, जो हर एकादशी पर मंदिर जाती थीं, इस बार अपनी बहू और पोती के साथ पहुंची थीं। हादसे के वक्त वो रेलिंग के पास खड़ी थीं। उन्होंने रोते हुए कहा। “एक पल में सब कुछ बदल गया, लोग गिर रहे थे, चिल्ला रहे थे, लेकिन कोई मदद नहीं थी। मेरी बहू को बचा नहीं पाई।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया: देर से जागा सिस्टम
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर दुख जताया और जांच के आदेश दिए। घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की गई है।
