महिला आरक्षण बिल का लोकसभा में इन...दो सांसदों ने किया विरोध ? बताया- क्या है कारण

नईदिल्ली। नारी शक्ति वंदन विधेयक जिसके माध्यम से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, उसे संसद की मंजूरी मिल गई।बुधवार को लोकसभा में बुधवार को लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से और गुरूवार को राज्यसभा में पूर्ण बहुमत से पारित हो गया है। राज्यसभा में इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा, वहीँ लोकसभा में बिल के विरोध में सिर्फ 2 मत पड़े।
लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' विधेयक का विरोध एआईएमआईएम के दो सांसदों ने किया। जिसमें से एक खुद एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील है। दोनों ही सांसदों ने बिल के विरोध में मतदान किया।
मुस्लिम महिलाओं की आबादी -
असदुद्दीन ओवैसी ने बाद में बिल का विरोध का कारण बताते हुए कहा कि वे मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं के हक़ की लड़ाई लड़ रहे है। ओवैसी ने कहा कि भारत में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन लोकसभा में इनका प्रतिनिधित्व 22 फीसदी है। भारत में मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 फीसदी है, जबकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 0.7 फीसदी है तो क्या आप उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देंगे?
25 मुस्लिम महिला सांसद -
ओवैसी ने आगे कहा कि वे ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को रिजर्वेशन में शामिल करने के लिए लड़ रहे हैं। सरकार सिर्फ सवर्ण महिलाओं को आरक्षण देना चाहती है। ओवैसी का कहना था कि इस विधेयक के पीछे का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना है। उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम महिलाएं हैं, जिनका प्रतिनिधित्व कम है तो क्या आप उन्हें आरक्षण नहीं देंगे? उन्होंने कहा कि लोकसभा में अब तक कुल 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से सिर्फ 25 ही मुस्लिम समुदाय से आई हैं।
