घर के दगाबाज: हरियाणा से गिरफ्तार, पाकिस्तान की पहुँचा रहे थे ख़ुफ़िया जानकारी

हरियाणा से गिरफ्तार, पाकिस्तान की पहुँचा रहे थे ख़ुफ़िया जानकारी
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New Delhi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय जाँच एजेंसियाँ सतर्क हैं।

नई दिल्‍ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय जाँच एजेंसियाँ सतर्क हैं। पिछले दो दिनों से संदिग्धों पर लगातार छापे पड़ रहे हैं, शुक्रवार को हरियाणा कैथल से 25 वर्षीय पाकिस्तानी जासूस देवेंद्र सिंह पकड़ा गया जो खुफिया फोटो और सूचनाएं पाकिस्तान के साथ साझा करता था।

हरियाणा के ही पानीपत और नूह जिले से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला अरमान भी गिरफ्तार हुआ हैं । इसके अलावा हरियाणा की ही हिसार से एक महिला यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा सहित 6 और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है जो पाकिस्तान के लिए जासूसी का काम कर रहे थे। यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की अगर बात करें तो ज्योति साल 2023 से पाकिस्तान हाई कमीशन के संपर्क में थीं। साल 2023 में ये पाकिस्तान गई थी और तभी से isi के संपर्क में रही हैं।


जांच एजेंसियों ने जांच में पता लगाया यूटूबर ज्योति मल्होत्रा 2023 में पाकिस्तान गई थी। अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान उसकी नजदीकी दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में काम करने वाले एहसान-उर-रहीम उर्फ़ दानिश से हो गई थी । जाँच के दौरान जाँच एजेंसियों को यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल और लैपटॉप से पुलिस को काफी जानकारी लगी कुछ संदिग्ध चीज भी बरामद हुई l


दानिश ने इन्हें लव जिहाद में फंसाया क्योंकि दानिश को जब पता चला कि ये यूट्यूबर है पूरे भारत की यात्रा करती हैं तब दानिश ने ज्योति को ट्रैवल ब्लॉगर के रूप में प्लांट किया और ब्लॉगिंग और ट्रैवल के बहाने वो भारत के तमाम मिलिट्री ठिकानों के वीडियो इनसे बनवाना शुरू कर दिया । खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ज्योति ने ये काम बखूबी किया और पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से संपर्क बनाए रखा और संवेदनशील जानकारी उनसे साझा करती रही जिसके बदले उन्होंने अच्छी रकम मिल रही थी । फिलहाल ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ जारी है।


ज्योति मल्होत्रा सोशल मीडिया पर एक ट्रैवल चैनल चलाती थी और अपनी यात्राओं से जुड़े वीडियो और ब्लॉग्स के जरिए दर्शकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय थी। लेकिन ये खुलासा हुआ है कि उसका यह चैनल एक परदे की तरह काम कर रहा था, जिसके पीछे देश के खिलाफ जासूसी की गंभीर साजिश छिपी हुई थी। दानिश ने न सिर्फ उससे संपर्क साधा बल्कि उसे पाकिस्तान तक बुलाया, जहां वह कथित रूप से खुफिया एजेंसियों से मिली और उन्हें भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध कराती रही। ज्योति ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी हाई कमीशन के खर्चे पर ब्लॉगिंग के बहाने तीन बार पाकिस्तान गईं । इस दौरान अपने हर दौरे पर ज्योति अपने साथ सैन्य ठिकानों, सीमावर्ती इलाकों और अन्य रणनीतिक स्थानों की जानकारी भी जुटा कर अपने साथ ले गईं ।


सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो ज्योति ने यह सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ सखा किन हैं । अब तक इस मामले में हरियाणा और पंजाब के मलेरकोटला से कुल 6 संदिग्ध पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि जासूसी की ये पूरी साजिश एक संगठित नेटवर्क के तहत पाकिस्तान ने भारत में सक्रिय किए । ज्योति की गिरफ्तारी ने यह भी दिखा दिया कि आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया और 'सॉफ्ट पावर' जैसी चीजें अब जासूसी और साइबर वॉरफेयर का बड़ा हथियार बन चुकी हैं और एक साधारण लगने वाला यूट्यूब चैनल भी अब देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिसे सोशल मीडिया पर लोग 'ट्रैवल विद-जो' नाम से जानते थे, अब देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार हो चुकी है। उसका चैनल, जो दर्शकों को अलग-अलग देशों की सैर करवाने के लिए जाना जाता था, दरअसल एक खुफिया जाल का हिस्सा था।


पुलिस पूछताछ में ज्योति ने जो खुलासे किए हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं । ज्योति ने बताया कि पाकिस्तान में ज्योति की मुलाकात अली अहवान नाम के व्यक्ति से करवाई गई। यह वही व्यक्ति था जिसने उसकी रुकने, खाने और पूरे ट्रैवल अरेंजमेंट्स का प्रबंध किया था लेकिन यहीं से असली कहानी शुरू हुई थी । अली अहवान ने उसे पाकिस्तानी सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसियों के अधिकारियों से मिलवाया। इन मुलाकातों के दौरान ज्योति से भारत से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां हासिल की गईं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ज्योति ने जानबूझकर ये सूचनाएं साझा कीं या किसी दबाव में, लेकिन इतना तय है कि यह एक सुव्यवस्थित जासूसी मिशन का हिस्सा था। ज्योति की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि दुश्मन देश पाकिस्तान भारत के जड़ों में अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है और कम उम्र के हिंदुओं को भी अपने जाल में फंसा का स्लीपर सेल की तरह इस्तेमाल जार रहा है । पाकिस्तान अब पारंपरिक जासूसों की जगह सोशल मीडिया और सामान्य नागरिकों के माध्यम से अपने मकसद पूरे करने की कोशिश कर रहा है।

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