Ratan Thiyam: थिएटर निर्देशक रतन थियम का निधन, रिम्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

Theatre Director Ratan Thiyam Passed Away : भारतीय नाटककार और रंगमंच निर्देशक रतन थियम का बुधवार तड़के 1.30 बजे इम्फाल के रिम्स अस्पताल में निधन हो गया है। रतन थियम भारतीय रंगमंच में "थिएटर ऑफ रूट्स" आंदोलन के अग्रणी हस्तियों में से एक थे। प्राचीन भारतीय थिएटर को रतन थियम ने आगे बढ़ाया। इसके लिए उन्होंने नाटकों को लिखने और मंचन का काम किया।
सीएम एन. बीरेन सिंह ने दी श्रद्धांजली
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'मैं अत्यंत दुःख के साथ भारतीय रंगमंच के एक सच्चे प्रकाशपुंज और मणिपुर के एक सम्मानित सपूत श्री रतन थियम के निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। अपनी कला, अपनी दूरदर्शिता और मणिपुरी संस्कृति के प्रति उनके अटूट समर्पण ने न केवल रंगमंच जगत को बल्कि हमारी पहचान को भी समृद्ध किया। उनके कार्यों में मणिपुर की आत्मा समाहित थी, जो उसकी कहानियों, उसके संघर्षों और उसकी सुंदरता के बारे में बताती थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, 'ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनकी आत्मा उनके द्वारा छोड़ी गई कृतियों और उनकी प्रेरित अनगिनत जीवन में सदैव जीवित रहे। हम सभी को हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य में उनके अपार योगदान को याद करने की शक्ति मिले।'
रतन थियम कौन थे?
रतन थियम (20 जनवरी 1948 – 23 जुलाई 2025) एक प्रसिद्ध भारतीय नाटककार, रंगमंच निर्देशक, और "थिएटर ऑफ रूट्स" आंदोलन के प्रमुख हस्तियों में से एक थे। मणिपुर के इम्फाल में जन्मे, वे भारतीय रंगमंच में अपनी अनूठी शैली और प्राचीन भारतीय परंपराओं को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते थे। उनकी रचनाएँ और निर्देशन मणिपुरी संस्कृति, कला और सामाजिक मुद्दों से गहरे जुड़े थे।
रतन थियम का जन्म मणिपुर में हुआ और उनके पिता मणिपुरी नृत्य शैली के प्रतिबद्ध कलाकार थे। उन्होंने पेंटिंग, कविता, और लघु कहानियाँ लिखने के साथ अपने करियर की शुरुआत की। वे नाट्य समीक्षक के रूप में शुरूआत में सक्रिय थे, लेकिन बाद में नाटकों का लेखन और निर्देशन शुरू किया।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता थियम 1970 के दशक में शुरू हुए थिएटर ऑफ़ रूट्स आंदोलन के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। उन्हें समकालीन संदर्भ में प्राचीन भारतीय रंगमंच परंपराओं और रूपों का उपयोग करते हुए नाटक लिखने और मंचन करने के लिए जाना जाता है।
पूर्व चित्रकार और निर्देशन, डिज़ाइन, पटकथा और संगीत में निपुण, थियम को देश के समकालीन रंगमंच गुरुओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने अपने रंगमंच समूह के साथ दुनिया के कई देशों का दौरा किया और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।
संगीत नाटक अकादमी का मिला पुरस्कार
भारतीय नाटककार रतन थियम को साल 1987 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। साल 2013 से 2017 तक वो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के अध्यक्ष रहे। इससे पहले संगीत नाटक अकादमी में उपाध्यक्ष की भूमिका निभाई थी।
प्रमुख नाटक
रतन थियम के नाटकों की बात करें तो उसमें करणभारम्, इम्फाल इम्फाल, उत्तर प्रियदर्शी,द किंग ऑफ़ डार्क चैंबर प्रमुख हैं, जो भारतीय थिएटर परंपराओं और रूपों को एक नई ऊंचाइयों पर ले गए।
