New Income Tax Bill: विपक्ष के हंगामे के बीच बिना बहस के पास हुआ नया इनकम टैक्स बिल; खड़गे बोले - लोकतंत्र के साथ धोखा...

New Income Tax Bill: सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच नया इनकम टैक्स बिल 2025 और टैक्स कानून संशोधन बिल 2025 बिना किसी चर्चा के सिर्फ 4 मिनट में पास हो गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति की ज्यादातर सिफारिशें शामिल करते हुए संशोधित बिल पेश किया। विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इतने बड़े फैसले पर बहस होनी चाहिए थी।
नया इनकम टैक्स बिल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। इसमें भाषा और प्रावधानों को आसान बनाया गया है, ताकि कानून को समझना और लागू करना सरल हो सके। साथ ही, ड्राफ्टिंग की गलतियों को सुधारा गया है, शब्दों का सही मिलान किया गया है और क्रॉस-रेफरेंसिंग जैसी तकनीकी दिक्कतों को भी दूर किया गया है। राहत की बात यह है कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स छूट पहले की तरह बरकरार रहेगी।
प्रवर समिति की अहम सिफारिशें
प्रवर समिति ने टैक्स से जुड़ी कुछ अहम सिफारिशें दी है। इसमें खाली पड़ी संपत्तियों के लिए वास्तविक और अनुमानित किराए का अंतर साफ करने की बात कही गई है। हाउस प्रॉपर्टी की आय पर 30% कटौती, नगरपालिका कर घटाने के बाद लागू करने की सिफारिश की गई है। निर्माण-पूर्व ब्याज कटौती का लाभ किराए पर दी गई संपत्तियों पर भी देने का सुझाव है। पेंशन फंड से पेंशन पाने वाले गैर-कर्मचारियों को भी कम्यूटेड पेंशन कटौती का लाभ देने की बात कही गई है। साथ ही, अस्थायी रूप से खाली पड़ी व्यावसायिक संपत्तियों पर हाउस प्रॉपर्टी आय के रूप में टैक्स न लगाने की सिफारिश की गई है।
टैक्स कानून संशोधन बिल में क्या है?
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को भी NPS जैसे कर लाभ।
आयकर तलाशी मामलों की प्रक्रिया में बदलाव।
सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड को कुछ कर लाभ।
फरवरी वाला ड्राफ्ट क्यों वापस हुआ?
13 फरवरी 2025 को पेश ड्राफ्ट को 60 साल का सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा गया था। इसमें आसान भाषा, कटौतियों का एकीकरण और करदाताओं के लिए राहत के प्रावधान थे। लेकिन प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद इसे वापस लेकर नया संशोधित बिल पेश किया गया।
संसद में माहौल
वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने बिल पास कराया। राज्यसभा में भी गोवा विधानसभा एसटी आरक्षण बिल, 2 खेल विधेयक और मणिपुर से जुड़े 3 बिल पेश हुए।
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “जब चर्चा के लिए कहा जाता है तो कहा जाता है कि हाउस ऑर्डर में नहीं है, लेकिन बिल पारित हो जाते हैं। यह लोकतंत्र के साथ धोखा है।”
विपक्ष का प्रदर्शन
बिल पेश होने से पहले 300 से ज्यादा विपक्षी सांसदों ने वोटर वेरिफिकेशन के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया, जिन्हें 2 घंटे बाद रिहा कर दिया गया।
