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त्योहारी सीजन में रोडवेज और ट्रेनों में सीट की मारामारी, छठ पूजा के चलते यूपी बिहार की ट्रेनों में पैर धरने की भी जगह नहीं

दीपावली के त्योहार पर रोडवेज बसों के साथ ही रेलवे और प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। जयपुर जंक्शन पर ट्रेनों के रिजर्वेशन कोच में भी पांव रखने की जगह नहीं मिल रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को हो रही है। जनरल कोच में सफर करना भी बड़ी चुनौती है। छठ पूजा के चलते यूपी बिहार की ट्रेनों में पैर धरने की भी जगह नहीं है। राजधानी जयपुर के सिंधी कैम्प बस अड्डे पर भी सामान्य और वोल्वो बसों में सीट को लेकर मारामारी है। जयपुर के अलावा जोधपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर सरीखे शहरों में भी बस अड्डों पर भीड़ के कारण यात्रियों का आवागमन सुलभ नहीं हो पा रहा है।

त्योहारी सीजन में रोडवेज और ट्रेनों में सीट की मारामारी, छठ पूजा के चलते यूपी बिहार की ट्रेनों में पैर धरने की भी जगह नहीं
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जयपुर । दीपावली के त्योहार पर रोडवेज बसों के साथ ही रेलवे और प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। जयपुर जंक्शन पर ट्रेनों के रिजर्वेशन कोच में भी पांव रखने की जगह नहीं मिल रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को हो रही है। जनरल कोच में सफर करना भी बड़ी चुनौती है। छठ पूजा के चलते यूपी बिहार की ट्रेनों में पैर धरने की भी जगह नहीं है। राजधानी जयपुर के सिंधी कैम्प बस अड्डे पर भी सामान्य और वोल्वो बसों में सीट को लेकर मारामारी है। जयपुर के अलावा जोधपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर सरीखे शहरों में भी बस अड्डों पर भीड़ के कारण यात्रियों का आवागमन सुलभ नहीं हो पा रहा है।

राजधानी जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैण्ड पर बुधवार से ही बसों में भीड़ शुरू हो गई। आने वाले तीन दिन रोडवेज की सामान्य और वोल्वो बसों में सीट की मारामारी रहेगी। डीलक्स डिपो की वोल्वो की अगले तीन दिन के लिए एडंवास बुकिंग हो गई है। दिल्ली, इंदौर, जोधपुर सहित कई बड़े शहरों के लिए यात्रियों ने एडवांस बुकिंग करा ली है। आलम यह है कि वोल्वो बसों के लिए सिंधी कैंप की विंडो से टिकट नहीं मिल रहे हैं। यात्रियों ने ऑनलाइन ही टिकट बुक करा लिए हैं। वहीं, दूसरी ओर रोडवेज की सामान्य बसों में भी यात्रियों की भीड़ शुरू हो गई है। सर्वाधिक यात्रीभार कोटा और भरतपुर रूट पर देखने को मिल रहा है।

सिंधी कैंप पर अमूमन 22 लाख रुपये की आय यात्रियों से होती है। सामान्य दिनों में करीब 10 हजार यात्री भार रहता है। दीपावली पर यह बढ़कर करीब 25 हजार पहुंच गया है। बुधवार से यात्रीभार बढ़ने के कारण एक ही दिन में करीब आठ लाख रुपये की आय बढ़ी है। बुधवार की आय करीब 30 लाख रुपये हुई। चीफ मैनेजर राधिका ने बताया कि एक ही दिन में सिंधी कैंप की आय में बढ़ोतरी हुई है। बाईस लाख से बढ़कर करीब 30 लाख पहुंच गई है। वहीं, डीलक्स डिपो के प्रबंधक कैलाश बड़ाया ने बताया कि वोल्वो बसों में यात्रीभार बढ़ा है। वोल्वो बसों में लोगों ने एडवांस बुकिंग करा ली है।

त्योहारी सीजन के चलते जयपुर जंक्शन पर खासी भीड़भाड़ है। हालात यह है कि ट्रेनों में रिजर्वेशन कोच में भी पांव रखने की जगह नहीं मिल रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को हो रही है। जनरल कोचों में सफर करना सबसे बड़ी चुनौती है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो जयपुर जंक्शन पर 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा लोगों की आवाजाही हो रही है। आगामी दो से तीन दिन में भीड़ और बढ़ेगी। इधर, सुरक्षा की दृष्टि से भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। आरपीएफ, जीआरपी की टीम अलर्ट हैं। इनके अलावा बिना टिकट सफर करने वाले लोगों की धरपकड़ के लिए भी विशेष टीमें बनाई गई हैं। इधर, गांधीनगर, दुर्गापुरा समेत अन्य स्टेशनों भी ऐसा ही हाल देखा जा रहा है।

दीपावली और छठ के त्योहारों में महानगरों से लोग अपने-अपने घरों में लौटते हैं। ऐसे में अब आलम यह है कि दिल्ली-मुंबई से आने वाली ट्रेनों में वेटिंग हो गई है या बुकिंग बंद हो गई है। महानगरों में काम करने वाले अधिकतर लोग दीपावली-छठ पर्व में परिवार के साथ त्योहार मनाने अपने गांव-घर आते हैं। इस कारण ट्रेनों में बुकिंग शुरू होते ही धड़ाधड़ सीटें भर जाती हैं। इस बार दिवाली 12 नवंबर को व छठ पूजा 17 नवंबर से शुरू होगी। ऐसे में 8 नवंबर या इसके बाद की तारीखों के लिए अभी से दिल्ली-मुंबई से आने वाली ट्रेनों में वेटिंग हो गई है या बुकिंग बंद हो गई है। रेलवे ने हालांकि छठ पूजा पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है और अतिरिक्त यात्री भार को देखते हुए 41 जोड़ी रेल सेवाओं की विभिन्न श्रेणियों में 86 डिब्बों की अस्थाई बढ़ोतरी की है। बावजूद इसके यूपी बिहार जाने वाली ट्रेनों में पैर धरने की भी जगह नहीं है।

Updated : 10 Nov 2023 6:52 AM GMT
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Swadesh Desk

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