Ashoka University: ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी महिला अधिकारियों पर टिप्पणी करने वाला प्रोफेसर गिरफ्तार, ओवैसी बोले - निंदनीय

Ashoka University professor arrested : ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी महिला अधिकारियों पर टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरियाणा पुलिस ने रविवार को प्रोफेसर की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा सोनीपत में अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद को उनकी टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कुछ दिनों बाद प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
राई (सोनीपत) के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अजीत सिंह ने बताया कि महमूदाबाद को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में जानकारी नहीं दी है। बताया जा रहा है कि, भाजपा नेता की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
12 मई को आयोग ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद महमूदाबाद द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए पोस्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था। कारण बताओ नोटिस में उनकी टिप्पणियों को संलग्न किया गया है। महमूदाबाद को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए भी बुलाया गया था। महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर पर महिला अधिकारियों - कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह - द्वारा मीडिया ब्रीफिंग के दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण बताया था लेकिन कहा था कि अगर यह जमीनी हकीकत में नहीं बदला तो यह "पाखंड" होगा।
आयोग ने उनकी टिप्पणियों की व्याख्या "राष्ट्रीय सैन्य कार्रवाइयों को बदनाम करने का प्रयास" के रूप में की है। 14 मई को मीडिया को दिए गए एक बयान में महमूदाबाद ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को "पूरी तरह से गलत समझा गया" और दावा किया कि आयोग के पास इस मामले में "कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है"। महमूदाबाद ने यह भी कहा कि समन यह उजागर करने में विफल रहा कि उनकी पोस्ट महिलाओं के अधिकारों या कानूनों के विपरीत कैसे है। उन्होंने कहा, "आरोपों के विपरीत, मेरी पोस्ट इस तथ्य की सराहना करती है कि सशस्त्र बलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को चुना ताकि यह उजागर किया जा सके कि हमारे गणतंत्र के संस्थापकों का सपना, विविधता में एकजुट भारत का सपना अभी भी जीवित है।"
महमूदाबाद ने आयोग की कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए कहा, "यह सेंसरशिप और उत्पीड़न का एक नया रूप है।" उन्होंने कहा, "मुझे कानून की प्रक्रिया पर भरोसा है और मुझे पता है कि मेरे मौलिक, संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी।"
इस मामले पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'यह पूरी तरह से निंदनीय है। अगर यह सच है, तो हरियाणा पुलिस ने कथित तौर पर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह किसी व्यक्ति को उसकी राय के लिए निशाना बनाता है; उसका पोस्ट राष्ट्र-विरोधी या महिला-द्वेषी नहीं था। भाजपा कार्यकर्ता की एक मात्र शिकायत पर हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की।'
