Kedarnath Yatra 2025: केदारनाथ धाम की यात्रा पर लगी अस्थाई रोक, लैंडस्लाइड के बाद कई श्रद्धालु फंसे

Kedarnath Yatra 2025 Temporary Ban : रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग के निकट मुनकटिया में गुरुवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो गया। इस प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप पवित्र केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। स्थानीय पुलिस के अनुसार, भूस्खलन के कारण मलबे और पत्थरों ने मुनकटिया क्षेत्र में सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। इस घटना से गौरीकुंड से लौट रहे कुछ तीर्थयात्री क्षेत्र में फंस गए थे। हालांकि, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालकर सोनप्रयाग पहुंचाया।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को एहतियातन रोक दिया गया है। प्रशासन सड़क से मलबा हटाने का कार्य तेजी से कर रहा है और सड़क के सुचारु होने के बाद यात्रा पुनः शुरू की जाएगी। रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने आधिकारिक X पोस्ट में कहा, "मुनकटिया स्लाइडिंग जोन, सोनप्रयाग में भूस्खलन के कारण मलबा और पत्थर गिरने से सड़क अवरुद्ध हो गई है। केदारनाथ धाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। सड़क साफ होने के बाद यात्रा फिर से शुरू होगी।"
वहीँ उत्तराखंड पुलिस ने भी अपने X पोस्ट में जानकारी दी, "प्रिय तीर्थयात्रियों, सोनप्रयाग के पास मुनकटिया में भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है। केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। एसडीआरएफ ने फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालकर सोनप्रयाग पहुंचाया। मार्ग को खोलने का कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही यात्रा पुनः शुरू होगी।"
सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम से लौट रहे लगभग 50 श्रद्धालु भूस्खलन क्षेत्र में फंस गए थे। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया। चारधाम यात्रा, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं, हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। यह यात्रा हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करती है।
सोनप्रयाग के पास भारी भूस्खलन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार देर रात सोनप्रयाग के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिसके कारण सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और पत्थर जमा हो गए। इससे केदारनाथ मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। रात 10 बजे से फंसे यात्रियों को गुरुवार सुबह सुरक्षित नकाल लिया गया। प्रशासन मलबा हटाने के लिए लगातार काम कर रहा है, और जल्द ही यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
केदारनाथ यात्रा के दौरान जुलाई के महीने में भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, क्योंकि इस समय मानसून अपने चरम पर होता है। उत्तराखंड सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और एसडीआरएफ हमेशा ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार रहते हैं। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई बार यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ता है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
