250 से ज्यादा इंडिगो फ्लाइट्स रद्द: क्रू की कमी से अटकी उड़ानें, रातभर एयरपोर्ट पर भटकते रहे यात्री

emergency landing of indigo flight in chhattisgarh raipur airport
देश के एयरपोर्ट्स पर पिछले तीन दिनों से एक ही तस्वीर दिखाई दे रही है, लंबी कतारें, कुर्सियों पर थके हुए चेहरे और बार-बार बदलती फ्लाइट स्क्रीनें। इंडिगो की उड़ानें इतनी तेजी से रद्द हो रही हैं कि यात्रियों को समझ ही नहीं आ रहा कि वे घर कब पहुंचेंगे। गुरुवार को हालात और बिगड़ गए। केवल मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में ही 250 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो गईं। यह संख्या किसी भी सामान्य दिन में इंडिगो के पूरे देशभर में रद्द होने वाली उड़ानों से कई गुना अधिक है।
एयरपोर्ट्स पर रातभर इंतज़ार
दिल्ली एयरपोर्ट का हाल सबसे खराब रहा। सुबह होते–होते 95 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी थीं, 48 उड़ानें दिल्ली से बाहर जाने वाली और 47 आने वाली। बुधवार की रात कई यात्रियों ने वहीं पर फर्श या कुर्सियों पर इंतजार करते हुए बिताई। किसी के बच्चे रो रहे थे, तो कोई मोबाइल चार्जिंग पॉइंट खोज रहा था। कुछ लोग बार-बार स्टाफ से एक ही सवाल पूछते दिखे अब हमारी फ्लाइट कब है? मुंबई में 86, बेंगलुरु में 73, हैदराबाद में लगभग 33, जबकि जयपुर में 4 और इंदौर में 3 उड़ानें रद्द हुईं। सूत्रों के अनुसार, शाम तक यह आंकड़ा बढ़ने की पूरी संभावना है।
इंडिगो की भोपाल से दो उड़ानें रद्द
भोपाल। राजा भोज एयरपोर्ट से गुरुवार को इंडिगो एयरलाइन की दो उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। हालांकि इंडिगो एयरलाइन ने बयान जारी करते हुए कहा कि खराब मौसम, सिस्टम में गड़बड़ी और स्टॉफ से जुड़े नए नियमों के कारण फ्लाइट पर असर पड़ा है। हम असुविधा के लिए माफी मांगते हैं। अगले 48 घंटे में ऑपरेशन पूरी तरह ठीक हो जाएगा। इस संबंध में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एयरलाइन से जवाब मांगा है। बता दें कि इंडिगो फ्लाइट में स्कू सदस्यों की कमी पिछले माह से ही चल रही है। नवंबर में इंडिगों ने देश भर के एयरपोर्ट से 1272 उड़ानों को निरस्त कर दिया था। इसमें से 755 उड़ानों के रद्द होने की वजह क्रू की कमी और स्टॉफ के ड्यूटी शेड्यूल में बदलाव था। फिलहाल इंडिगो की सेवा को लेकर यात्रियों में नाराजगी है।
भोपाल- हैदराबाद उड़ान रही निरस्त
राजधानी के राजाभोज एयरपोर्ट के निदेशक रामजी अवस्थी ने बताया कि इंडिगो की दो उड़ान सेवाएं निरस्त कर दी गई। उड़ान तो एक ही है, लेकिन उसके दो सेक्टर हैदराबाद-भोपाल-रायपुर और रायपुर-भोपाल-हैदराबाद को रद्द किया गया है। यह दोनों सेक्टर आमतौर पर सुबह 9 से 10 बजे के आसपास ऑपरेट होते हैं। उन्होंने कहा कि केवल क्रू मेंबर की कमी नहीं, बल्कि एफडीटीएल भी इसका कारण है। मौसम में कहीं देरी हो जाने से एक सेक्टर प्रभावित होता है, फिर धीरे-धीरे पूरी शेड्यूलिंग अस्थिर हो जाती है और एफडीटीएल लागू हो जाता है।
इंडिगो पर दबाव क्यों ज्यादा?
जवाब सरल है सबसे ज्यादा उड़ानें वही चलाती है इंडिगो रोज़ करीब 2,300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है। यह संख्या एयर इंडिया की तुलना में लगभग दोगुनी है। इसलिए, जब सिस्टम थोड़ा भी गड़बड़ाता है, मान लीजिए सिर्फ 10–20% उड़ानें लेट होती हैं तो इसका असर सीधे 200-400 उड़ानों और हजारों यात्रियों पर पड़ता है। यही हुआ है पिछले तीन दिनों में। बुधवार को भी 200 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित थीं।
अब समझिए क्रू की कमी का असली कारण
DGCA ने पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू किए हैं। पहला चरण जुलाई में लागू हुआ था और दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू है। इन नियमों में सबसे ज़्यादा जोर दिया गया है कि पायलट और क्रू को पर्याप्त आराम मिले, लंबी ड्यूटी शिफ्ट्स कम हों और रात में उड़ान भरने वाले क्रू की कार्य सीमा और भी सख्त कर दी गई है।
एयरलाइंस क्यों घबरा गईं?
उड़ानों का शेड्यूल तो पुराना ही था, लेकिन क्रू को ड्यूटी देने का टाइम कम हो गया। नतीजा जहां पहले एक दिन में एक क्रू टीम तीन उड़ानें कर लेती थी, अब हो सकता है कि वही टीम सिर्फ दो उड़ानें ही कर पाए। और इंडिगो, जो सबसे ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करती है, उसके पास क्रू की कमी अचानक सामने आ गई।
DGCA के मुताबिक, नवंबर में इंडिगो ने 1,232 उड़ानें रद्द कीं, जिनमें से 755 सीधे FDTL नियमों का परिणाम थीं। DGCA का कहना है कि सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। पायलटों की थकान कई हादसों की वजह रही है, इसलिए नई व्यवस्था जरूरी थी।
