MEA: विदेश में पाकिस्तान की पोल खोलेंगे भारतीय सांसद, MEA ने दी आतंकवाद से जुड़े सबूतों की जानकारी

MEA: भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की असलियत दुनिया के सामने लाने के लिए बड़ी पहल की है। विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से 33 देशो की राजधानियो में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे है। इन टीमों में 51 सांसदों के अलावा कुछ पूर्व मंत्री, राजनयिक और सरकारी अधिकारी भी शामिल है।
शुक्रवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रतिनिधिमंडल के नेताओं शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले और बैजयंत पांडा को यह बताया कि उन्हें विदेश में जाकर भारत की तरफ से क्या संदेश देना है। साथ ही, उन्हें सबूतो के साथ यह भी बताया गया कि पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान में छिपे आतंकियों ने भारत पर और कौन-कौन से हमले किए।
किस देश जा रहे है कौन से सांसद?
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय देशों की यात्रा करेगी।
शशि थरूर के नेतृत्व में दूसरी टीम अमेरिका, पनामा, ब्राजील, गुयाना और कोलंबिया जाएगी।
सुप्रिया सुले की अगुवाई में तीसरी टीम मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी।
बैजयंत पांडा की अगुवाई में चौथी टीम सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जाएगी।
दुनिया को दिखाना भारत का पक्ष
इन सांसदो को दुनिया भर में भारत की ‘जीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज्म’ की नीति और पाकिस्तान की आतंकी नीति की सच्चाई बतानी है। भारत की इस पहल का मकसद साफ है। दुनिया को सबूतों के साथ यह बताना कि पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों ने भारत को कैसे प्रभावित किया है।
ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारतीय वायुसेना ने 9 मई को पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद सीमा पर हालात कई दिनों तक तनावपूर्ण बने रहे। हालांकि 19 दिनों तक चले तनाव और संघर्ष के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर समझौता हुआ।
