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Timeline of Parliament : भगत सिंह के धमाके से लेकर... आतंकी हमले तक जानिए पुरानी संसद भवन ने किस तारीख में क्या देखा ?

पुराना संसद भवन भगत सिंह का बम धमाका, आजाद भारत की पहली सुबह, पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का पहला भाषण, देश को संविधान मिलने से लेकर आतंकी हमले तक सभी अच्छे और बुरे दौर का गवाह रहा है।

Timeline of Parliament : भगत सिंह के धमाके से लेकर... आतंकी हमले तक जानिए पुरानी संसद भवन ने किस तारीख में क्या देखा ?
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नईदिल्ली। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कल का दिन बेहद अहम है। 19 सितंबर की सुबह लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाली संसद की बैठक नए भवन में आयोजित होगी। आज से करीब चार महीने पहले रविवार, 28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था।

पुराने संसद भवन का भारतीय इतिहास में खास महत्व है। भगत सिंह का बम धमाका, आजाद भारत की पहली सुबह, पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का पहला भाषण, देश को संविधान मिलने से लेकर आतंकी हमले तक सभी अच्छे और बुरे दौर का गवाह रहा है। आज हम जानेंगे पुरानी संसद भवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य -

पुरानी संसद भवन की नींव -

साल 1911 में भारत के दौरे पर आए ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की ओर से दिल्ली को देश की राजधानी बनाने का आदेश देने के साथ ही संसद, इंडिया गेट, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत हेरिजेट बिल्डिंग बनाने का काम शुरू हो गया था। पुराने संसद भवन की नींव साल 1921 में प्रिंस ऑर्थर ने रखी थी। सर एडविन लुटियन्स एवं हर्बर्ट बेकर ने इसे डिजायन किया था। इसके निर्माण में करीब छह साल का समय और 83 लाख रुपये खर्च हुआ था।

12 फरवरी, 1921: ड्यूक ऑफ़ कनॉट प्रिंस ऑर्थर ने संसद भवन की नींव रखी थी।

18 जनवरी, 1927: तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया।

19 जनवरी, 1927: संसद भवन में सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली की पहली बैठक हुई।

भगत सिंह का धमाका


8 अप्रैल 1929 : संसद भवन के निर्माण के दो साल बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था। जब ब्लास्ट हुआ उस समय सेन्ट्रल असेंबली में जवाहर लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, मदन मोहन मालवीय और जॉन साइमन उपस्थित थे।

संविधान सभा की पहली बैठक-

9 दिसंबर 1946 : अंग्रेजों द्वारा भारत को आजादी देने के ऐलान के बाद संविधान सभा का गठन हुआ। जिसकी पहली बैठक हुई।

ट्रिस्ट विद डेस्टिनी


14 अगस्त 1947 : रात 11 बजे संसद का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की, प्रधानमंत्री नेहरु ने अर्ध रात्रि देश को पहला भाषण दिया, जो ट्रिस्ट विद डेस्टिनी कहलाया।

15 अगस्त 1947 : आजाद भारत की पहली सुबह, जब अंग्रेजों ने विधिवत रूप से भारत को सत्ता वापिस की।

संविधान अंगीकार किया -


26 नवंबर 1949 : संविधान सभा ने सर्वसम्मति से संविधान को अपनाया।

पहली संसद का गठन -

3 अप्रैल 1952 : पहली बार उच्च सदन यानी राज्यसभा का गठन किया गया।

17 अप्रैल 1952 : पहली लोकसभा का गठन

13 मई 1952 : दोनों सदनों लोकसभा-राज्यसभा की पहली बैठक का आयोजन।

22 अगस्त 1963 : तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।

आपातकाल -


21 जुलाई 1975 : गृहराज्य मंत्री एफएम मोहसिन ने संसद में आपातकाल की घोषणा की।

सफल परमाणु परीक्षण की सदन से घोषणा -


22 जुलाई 1974 : प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद भवन में भारत के परमाणु टेस्ट के सफल होने की घोषणा की।

आतंकी हमला -


13 दिसम्बर 2001 : शीतकालीन सत्र के दौरान पांच आतंकियों ने एक एम्बेस्डर से संसद भवन पर हमला किया था। जिसमें पांच आतंकी समेत कुल 14 लोग मारे गए थे। इसमें 6 पुलिसकर्मी भी शामिल थी।

पूर्ण बहुमत का पावर

16 अप्रैल 1999 - अटल बिहारी वाजपई के नेतृत्व में बनी सरकार 12वी लोकसभा के एक सत्र में बहुमत हासिल न कर पाने के कारण सिर्फ 1 वोट से गिर गई। उस समय तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष बालयोगी द्वारा कांग्रेस के सांसद गिरधर को स्व विवेक से वोट देने की अनुमति दी गई थी। गिरधर फरवरी 1999 में ही ओडिशा के मुख्यमंत्री बन गए लेकिन लोकसभा से इस्तीफा नहीं दिया था।

26 मई 2014 - वर्ष 2014 के आम चुनाव में 30 साल बाद भाजपा के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए की जीत हुई। पुराने संसद भवन की 16वीं लोकसभा के कार्यकाल में नोट बंदी, एक देश एक कर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण निर्णय हुए थे।

आखिरी सत्र -


18 सितंबर 2023 : संसद की 17वीं लोकसभा के अंतर्गत विशेष सत्र की पहली बैठक का आयोजन।

Updated : 18 Sep 2023 9:12 PM GMT
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Prashant Parihar

पत्रकार प्रशांत सिंह राष्ट्रीय - राज्य की खबरों की छोटी-बड़ी हलचलों पर लगातार निगाह रखने का प्रभार संभालने के साथ ही ट्रेंडिंग विषयों को भी बखूभी कवर करते हैं। राजनीतिक हलचलों पर पैनी निगाह रखने वाले प्रशांत विभिन्न विषयों पर रिपोर्टें भी तैयार करते हैं। वैसे तो बॉलीवुड से जुड़े विषयों पर उनकी विशेष रुचि है लेकिन राजनीतिक और अपराध से जुड़ी खबरों को कवर करना उन्हें पसंद है।  


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