भारत में सुरक्षा, नौकरशाही और सत्ता के भीतर की हलचल

भारत में सुरक्षा, नौकरशाही और सत्ता के भीतर की हलचल
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सुरक्षा, नौकरशाही और सत्ता के गलियारों से जुड़ी बड़ी खबरें—IPS, IAS, RAW, टैक्स, रक्षा और प्रशासनिक बदलावों का विश्लेषण।

दिल्ली और राज्यों की सत्ता की गलियारों में इन दिनों हलचल कुछ ज़्यादा ही तेज है. सुरक्षा प्रतिष्ठान से लेकर पुलिस, कर व्यवस्था और प्रशासनिक नियुक्तियों तक हर मोर्चे पर हलके लेकिन अहम संकेत मिल रहे हैं ।

बांग्लादेश मामलों के माने हुए चेहरे

देश में कुछ पूर्व IPS, IFS और R&AW अधिकारी ऐसे हैं. जिन्हें बांग्लादेश मामलों का गहरा जानकार माना जाता है। जांच और रणनीतिक चर्चाओं में जिन नामों का अक्सर जिक्र होता है. उनमें 1977 बैच के IPS अधिकारी अमिताभ माथुर, पूर्व IFS अधिकारी पिनाक रंजन चक्रवर्ती, R&AW के शशि भूषण सिंह तोमर, अमर भूषण, आर. कुमार (RAS, 1984 बैच), रवि सिन्हा (जिन्हें एक कानूनी मामले में सी.के. सिन्हा के नाम से भी जाना गया), ढाका में R&AW के पूर्व प्रमुख शशि भूषण सिंह और आलोक तिवारी शामिल हैं, इसके अलावा, आलोक जोशी, अशोक सिन्हा और विवेक जौहरी जैसे नाम पड़ोसी देशों से जुड़े मामलों के विशेषज्ञों में गिने जाते हैं । IB के वे अधिकारी, जो कभी बांग्लादेश में तैनात रहे जैसे शील वर्धन सिंह (IPS, 1986 बिहार कैडर) बलबीर सिंह (1996 MP कैडर), सुरेंद्र सिंह , रमा कांत और सुमित भी इस विषय पर गहरी पकड़ रखते हैं।

बड़े प्रशासनिक सवाल

पश्चिम बंगाल में मुख्य सचिव मनोज पंत को सेवा विस्तार न मिलने के बाद यह सवाल है कि 1 जनवरी से नया मुख्य सचिव कौन होगा बंगाली या गैर-बंगाली? जवाब जल्द सामने आएगा । गुजरात में भी पुलिस नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं.। मौजूदा DGP विकास सहाय के बाद 1992 बैच के IPS अधिकारी डॉ. के. एल. एन. राव को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वहीं अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जी. एस. मलिक के लिए केंद्रीय बलों का रास्ता खुल सकता है।


रक्षा, ऑडिट और सतर्कता

80,000 करोड़ की संभावित रक्षा खरीद को मंजूरी देने वाली DAC मीटिंग का टलना भी संयोग नहीं माना जा रहा. CAG की इमरजेंसी खरीद पर आई रिपोर्ट ने अफसरशाही को फिलहाल अतिरिक्त सतर्क बना दिया है।


किताब, विचार और सत्ता संवाद

इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने अपनी नई किताब रिवोल्यूशनरी राज: नरेंद्र मोदी के 25 साल प्रधानमंत्री को भेंट की। बातचीत में शासन अनुशासन पढ़ने की आदत और NCC जैसे कार्यक्रमों की अहमियत पर चर्चा हुई जो सत्ता के दीर्घकालिक विज़न की झलक देती है ।

प्रशासनिक फेरबदल और नियुक्तियां

तेलंगाना, गुजरात, केंद्र और राज्यों में IAS IPS, IDAS, IRS और IFS अधिकारियों के तबादले प्रमोशन और नई जिम्मेदारियां यह संकेत देती हैं कि 2026 की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है चाहे वह मानव संसाधन हो, डिजिटल गवर्नेंस या संस्थागत सुधार।

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