राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, मोदी सरनेम मानहानि केस में सजा पर लगाई रोक

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, मोदी सरनेम मानहानि केस में सजा पर लगाई रोक
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राहुल गांधी को गुजरात की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी।

नईदिल्ली। मोदी सरनेम मानहानि केस में आज सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगा दी है।जिसके बाद कांग्रेस में खुशी का माहौल है। गुजरात की निचली अदालत ने राहुल गांधी को ये सजा सुनाई थी, जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। सजा पर रोक लगने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता वापस मिलने का रास्ता साफ हो सकता है।

राहुल गांधी की याचिका जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? कहा- उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। वे डिसक्वालिफाई नहीं होते। सजा 1 साल 11 महीने हो सकती थी। सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने कहा कि मानहािन का केस करने वाले पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं उन्होंने अपना सरनेम बदला है। राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा- शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने ये सरनेम बाद में अपनाया है।

कांग्रेस नेताओं ने बताई न्याय की जीत -

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की साजिश आज नाकाम हो गई है। यह हमारी बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे और हालात से अवगत कराएंगे। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी भाजपा से डरने वाले नहीं हैं। वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सत्य और न्याय की जीत है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध ने कहा था कि तीन चीजें (सूर्य, चंद्रमा और सत्य) देर तक नहीं छुप सकते हैं। यह सत्य की जीत है।

बहाल होगी लोकसभा सदस्यता -

उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सूरत की निचली अदालत ने अधिकतम सजा देकर गलती की है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब ये है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता दोबारा बहाल होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में अधिकतम सजा (2 साल) होने के चलते राहुल की सदस्यता गई, पर निचली अदालत के जज ने फैसले में ये साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा तय करने की वजह क्या है?

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