Ahmedabad Plane Crash: दोस्त कर रहे थे लंच, प्लेन गिरा और जोरदार धमाका... अहमदाबाद प्लेन क्रैश के चश्मदीद ने बताई कहानी

Ahmedabad Plane Crash Eyewitness : गुजरात। प्लेन जैसे ही ढलान चढ़ा और वैसे ही ब्लास्ट हो गया। मैं भी वहीं था। मेरा सिर्फ 40 सेकेंड का फर्क रहा नहीं तो मैं आज जिंदा नहीं होता। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। स्टूडेंट्स मलबे के नीचे दबे थे और कुछ के हाथ में खाने की चम्मच थी। यह दर्दनाक मंजर अहमदाबाद विमान हादसे का है। इस हादसे में अब तक 265 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई।
अहमदाबाद में हुए विमान क्रैश के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, मैं उस जगह से सिर्फ़ 40 सेकंड की दूरी पर था जहाँ यह घटना हुई। मैं मदद के लिए दौड़ा और अपने दोस्तों को मदद के लिए बुलाया। मैंने मलबे से छात्रों के शव निकाले, उनमें से कुछ मेरे दोस्त भी थे। वे छात्र दोपहर का खाना खा रहे थे। हमने आगे के विस्फोट से बचने के लिए सिलेंडर निकाले। हमने आग बुझाने वाले यंत्रों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन वे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। यह एक भयावह दृश्य था।
चारों तरफ आग और काला धुआं
घटनास्थल के आसपास मौजूद एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यहां से 200 मीटर की दूरी पर उसका ऑफिस है। दोपहर के समय जैसे ही मैं कार्यालय से बाहर निकला, मैंने बहुत तेज आवाज सुनी। अचानक से पूरे क्षेत्र में धुआं भर गया। चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लीं। शुरू में यह सब देखकर मैं डर गया। मेरे रोंगटे खड़े हो गए। किसी तरह हिम्मत करके मैं घटनास्थल के पास पहुंचा।
घटनास्थल के पास मैंने जो देखा, वो और भयावह था।मलबा बिखरा हुआ था, चारों तरफ आग लगी हुई थी और धुआं उठ रहा था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। थोड़ी देर बाद जब धुआं कुछ कम हुआ तो हमें पता चला कि विमान के पंख यहां गिर हुए हैं और एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया हैं। हमें हताहतों के बारे में नहीं पता, लेकिन जिस बिल्डिंग पर ये विमान गिरा, इसमें डॉक्टर वगैरह रहते हैं।
बता दें कि, अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का विमान AI-171 गुरुवार की दोपहर करीब 1:40 बजे एक दुखद हादसे का शिकार हो गया। इस भयावह दुर्घटना में 265 लोगों की जान चली गई, जिसमें केवल एक व्यक्ति ही जीवित बच सका। एअर इंडिया ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर इसकी पुष्टि की, जिसमें बताया गया कि विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से सिर्फ एक ही जीवित बचा।
