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संसद में राम मंदिर पर चर्चा, अमित शाह ने कहा- सरकार ने न्याय संगत तरीके से कराया मंदिर का निर्माण

ओवैसी ने संसद में दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए

संसद में राम मंदिर पर चर्चा, अमित शाह ने कहा- सरकार ने न्याय संगत तरीके से कराया मंदिर का निर्माण
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नईदिल्ली। संसद में बजट सत्र का आज आखिरी दिन है. लोकसभा की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने राम मंदिर निर्माण को भारतीय सभ्यता का पुनर्जागरण बताया। वहीँ एआईएमआईएम के सांसद असद्दुद्दीन ओवीसी ने लोकसभा में बाबरी जिंदाबाद के नारे लगाएं।

अमित शाह ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि राम मंदिर दुनिया का एक मात्र ऐसा आंदोलन है जहां बहुसंख्यकों ने धैर्य रखते हुए संवैधानिक प्रावधानों के तहत अपना संघर्ष पूरा किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष चला तो देश में जय श्रीराम के नारे लगे और जब मंदिर बन गया तो जय सीयाराम के नारे लगे। राम मंदिर पर चली संघर्ष से भक्ति यह यात्रा देश को आगे ले जाने वाली है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने न्यायसंगत तरीके से राम मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण कर अपना वादा निभाया है। मोदी सरकार जो कहती है उसे करके दिखाती है। 22 जनवरी का दिन करोड़ों भक्तों की आशा, आकांक्षा और सिद्धि का दिन बन गया। शाह ने शनिवार को लोकसभा में राम मंदिर निर्माण पर आयोजित चर्चा के दौरान कहा कि राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता। वर्ष 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है। ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है।

पुनर्जागरण का आंदोलन

शाह ने कहा कि वर्ष 1990 में जब ये आंदोलन ने गति पकड़ी उससे पहले से ही ये भाजपा का देश के लोगों से वादा था। हमने पालमपुर कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित करके कहा था कि राम मंदिर निर्माण को धर्म के साथ नहीं जोड़ना चाहिए, ये देश की चेतना के पुनर्जागरण का आंदोलन है। इसलिए हम राम जन्मभूमि को कानूनी रूप से मुक्त कराकर वहां पर राम मंदिर की स्थापना करेंगे। अनेक राजाओं, संतों, निहंगों, अलग-अलग संगठनों और कानून विशेषज्ञों ने इस लड़ाई में योगदान दिया है। शाह ने कहा कि वह आज 1528 से 22 जनवरी, 2024 तक इस लड़ाई में भाग लेने वाले सभी योद्धाओं को विनम्रता के साथ स्मरण करते हुए उन्हें नमन करते हैं।

रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता

शाह ने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता। कई भाषाओं, कई प्रदेशों और कई प्रकार के धर्मों में भी रामायण का जिक्र, रामायण का अनुवाद और रामायण की परंपराओं को आधार बनाने का काम हुआ है। जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते हैं। राम प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है।

ओवैसी ने लगाएं बाबरी जिंदाबाद के नारे -

वहीँ सदन में ओवैसी ने कहा- शिंदे गुट के नेता कह रहे हैं, कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई उस वक्त तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि, उन्हें डिस्टर्ब न किया जाए। आज मोदी सरकार उन्हीं को भारत रत्न दे रही है। मैं कहना चाहता हूं कि, इंसाफ जिंदा है या जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है। ओवैसी ने कहा- मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या भारत सरकार का कोई मजहब है। ये सिर्फ एक धर्म की सरकार है या सभी को साथ लेकर चलने वाली है।मोदी सरकार मुसलमानों को संदेश दे रही है कि, आप जान बचाना चाहते हो या इंसाफ चाहते हो। मैं कहता हूं कि मैं भीख नहीं मागूंगा। पीएम आज जब जवाब देंगे तो क्या सिर्फ हिंदुत्व से जुड़े लोगों को जवाब देंगे या 140 करोड़ लोगों को जवाब देंगे। अंत में ओवैसी ने लोकसभा के अंदर दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए।


Updated : 10 Feb 2024 11:27 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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