लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस जारी, सोनिया गांधी ने किया समर्थन, कहा - पहली बार ये विधेयक राजीव लाए थे

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस जारी, सोनिया गांधी ने किया समर्थन, कहा - पहली बार ये विधेयक राजीव लाए थे
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महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए।

नईदिल्ली। लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर बहस शुरू हुई। सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने सदन को विधेयक की जानकारी दी। इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी सोनिया गांधी ने 10 मिनट तक अपनी बात कही।

सोनिया गांधी ने कहा कि यह हमारा विधेयक है। महिला आरक्षण विधेयक कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। कांग्रेस हमेशा महिलाओं को आरक्षण देने के पक्ष में रही है। सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका। अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह 40 फीसदी के आसपास हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में SC-ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ PM मोदी का बिल है, जिसका गोल उसी का नाम आना चाहिए।



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