अमित शाह का ऐलान, लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू होगा CAA

अमित शाह का ऐलान, लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू होगा CAA
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नईदिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए ) लागू हो जाएगा। इसे चुनाव से पहले नोटिफाई किया जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू भी किया जाएगा। इसे लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए। उन्होंने ये बात शनिवार को एक कार्यक्रम में कही।

अमित शाह ने कहा लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अब कोई खास सस्पेंस नहीं बचा है. जो लोग विपक्ष में बैठते हैं उन्हें भी यकीन है कि उन्हें दोबारा दूसरी तरफ बैठना पड़ेगा। आजादी के बाद यह पहला चुनाव होने जा रहा है जो श्रेष्ठ भारत-विकसित भारत के निर्माण की थीम पर आधारित होगा। जहां तक चुनाव के नतीजों का सवाल है, उसमें कोई सस्पेंस नहीं बचा है। जिनके सामने हमे चुनाव लड़ना है, वो भी संसद में आश्वस्त दिखते हैं कि इस बार भी उन्हें विपक्ष में ही बैठना है।

उन्होंने कहा भाजपा अपनी विचारधारा, अपने एजेंडे और अपने कार्यक्रम के साथ खड़ी है। साझेदार आते हैं और चले जाते हैं। साझेदारों के छोड़ने के अलग-अलग कारण हैं।हमने कभी भी किसी को जाने के लिए नहीं कहा। हमने हमेशा गठबंधन का सम्मान किया है। हम अपने गठबंधन सहयोगियों को एकजुट रखने का प्रयास करते हैं।जनसंघ के गठन के बाद से हमारी विचारधारा न तो बदली है और न ही भविष्य में बदलेगी।आजाद भारत का ये पहला ऐसा चुनाव होगा, जिसमें भारत को महान राष्ट्र बनाने के एजेंडा पर चुनाव लड़ा जाएगा और पब्लिक मैंडेट भी महान भारत के मुद्दे पर ही आएगा। मोदी जी ने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत का एजेंडा देश की जनता के सामने रखा है। मेरा मानना है कि 2047 से पहले ही मोदी जी की तीसरी टर्म में ही इसका ज्यादातर काम समाप्त कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा 1950 से एनडीए की वृद्धि सुनिश्चित करना है। हमने हमेशा माना है कि कांग्रेस की विचारधारा कभी भी देश का कल्याण नहीं कर सकती है। हमारे देश की नीति 5 करोड़ आबादी वाले देश से आयात नहीं की जा सकती। हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ और स्थितियाँ हमारी विचारधारा को परिभाषित करती हैं। भाजपा अपनी विचारधारा, अपने एजेंडा और अपने कार्यक्रम के साथ अडिग है। कईं साथी आते हैं, कईं साथी चले जाते हैं। भाजपा ने कभी किसी साथी को NDA से नहीं निकाला है, हमनें हमेशा गठबंधन का धर्म निभाया है।

उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा जनसंघ की स्थापना से लेकर आज तक एक ही है और भविष्य में भी इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। ये विचारधारा जिसे भी सही लगती है, वो हमारे साथ आए तो उनका स्वागत है।हमारे पुराने आपराधिक कानूनों में आतंकवाद की कोई परिभाषा नहीं थी। संगठित अपराध सूचीबद्ध नहीं था. वित्तीय धोखाधड़ी नहीं थी. प्रौद्योगिकी का कोई स्थान नहीं था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की कोई जगह नहीं थी. त्वरित निर्णय का कोई प्रावधान नहीं था। 600 में से 400 से अधिक प्रावधानों को बदल दिया गया है। 65 नए प्रावधान पेश किए गए हैं। विपक्ष के पास नए कानूनों का अध्ययन करने के लिए कोई गंभीर विचार या टीम नहीं है।

अमित शाह ने आगे कहा कि ये चुनाव NDA बनाम I.N.D.I गठबंधन नहीं बल्कि घोर निराशा और उज्ज्वल भविष्य के बीच है। ये चुनाव भ्रष्टाचार से युक्त शासन और Zero tolerance against corruption के बीच में है। ये चुनाव आतंकवादियों के साथ बातचीत की पॉलिसी वालो और आतंकवाद को खत्म करने की पॉलिसी वालो के बीच में है।

अमित शाह ने श्वेत पत्र पर कहा कि "अगर हम 2014 में श्वेत पत्र लाए होते, तो हम पर इसे राजनीतिक बनाने का आरोप लगाया जा सकता था। लेकिन अब, देश संकट की स्थिति से बाहर है। निर्यात घट रहा था, बैंकिंग क्षेत्र संघर्ष कर रहा था। हम तब इस बारे में बात नहीं करना चाहते थे, क्योंकि दुनिया हमें अलग तरह से देखती। और इस प्रकार, हमने ऐसा नहीं किया। हमने 10 साल तक बहुत मेहनत की. हमने नीति आधारित राज्य बनाया. हमने नीतिगत पंगुता को दूर किया। शिक्षा, रक्षा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा से लेकर निवेश और उद्योग तक हर क्षेत्र में नीतियां बनाई गईं।भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंच गई। यह सब करने के बाद, हम अब यह श्वेत पत्र लाए हैं।''श्वेत पत्र से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं।सिर्फ UPA 1 और UPA 2 में ही 12 लाख करोड़ के घपले घोटाले करके इन्होंने जनता में एक भयंकर निराशा का माहौल बना दिया था। आज 10 साल बाद हमारे विरोधी भी हम पर 1 पैसे के भी घोटाले का आरोप नहीं लगा सकते, इस प्रकार का शासन हमने दिया है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की नीति जनता के बीच बार-बार झूठ बोलने की है। पीएम मोदी की जाति पर चर्चा अरुचिकर है. जिस नेता की तारीफ दुनिया करती हो, उसकी जाति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी की पॉलिसी है कि झूठ बोलो, सार्वजनिक रूप से बोलो और बार-बार बोलो। ये बड़े दुर्भाग्य की बात है कि नरेन्द्र मोदी जी जैसे महान नेता की जाति पर कोई चर्चा कर रहा है। मोदी जी ने कहा है कि मैं OBC हूं और ओबीसी एक वर्ग होता है, जाति नहीं ये शायद राहुल गांधी जी को उनके अध्यापकों ने नहीं पढ़ाया। जो लोग भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जो उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की बात कर रहे हैं। और कांग्रेस इसके खिलाफ कोई स्टैंड भी नहीं ले रही है। वह कोई छोटे नेता नहीं हैं, वह एक डिप्टी सीएम के भाई हैं. सदन में विपक्ष के नेता इस पर संसद में चर्चा तक नहीं कर रहे हैं।


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