कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ बयान पड़ा उल्टा? बिहार में महागठबंधन पर दोहरी चोट

बिहार की राजनीति इन दिनों मानो उबलते कड़ाह की तरह गरम है कहीं आरोप-प्रत्यारोप की गठरी खुल रही है, तो कहीं परिवारों के भीतर की अनकही लड़ाइयाँ सुर्खियों में हैं। चुनाव परिणामों के बाद माहौल ऐसा बन गया है कि हर बयान, हर चाल और हर फुसफुसाहट चुनावी कहानी का अहम हिस्सा बन गई है।
कांग्रेस के बयान का असर: फायदा से ज़्यादा नुकसान?
महागठबंधन ने सोचा था कि कांग्रेस का “वोट चोरी” वाला बयान भाजपा पर दबाव बनाएगा और विपक्षी एकता को धार देगा। लेकिन ज़मीनी राजनीति कभी सीधी रेखा नहीं होती कभी-कभी वही तीर वापस लौट आता है। स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह बयान राज्य के असल मुद्दों बेरोज़गारी, महंगाई, जाति प्रतिनिधित्व से ध्यान हटाता दिखा। कई सीमांत और अनिर्णय में खड़े मतदाताओं को यह सुर कुछ हद तक निराशाजनक और पराजयवादी भी लगा। महागठबंधन के भीतर भी इस पर असहजता रही। खासकर राजद के कुछ नेताओं को लगा कि कांग्रेस का आक्रामक बयान गठबंधन की एकजुटता पर भारी पड़ रहा है और बाकी साझेदारों की आवाज़ पीछे छूट रही है।
एनडीए को मिला अप्रत्याशित लाभ?
जहाँ विपक्ष का स्वर असंगत दिखा, वहीं एनडीए ने चुनावी ईमानदारी को लेकर खुद को ज़्यादा आत्मविश्वासी और स्थिर दिखाने का प्रयास किया। राजनीतिक माहौल में यह भी एक कारण माना जा रहा है कि मुकाबला धीरे-धीरे एकतरफ़ा होता गया।
राजद के भीतर बढ़ती खींचतान
लालू परिवार में तनाव: चार बेटियाँ पटना से बाहर?
चुनावी हार ने राजद के भीतर पुराने ज़ख्म भी कुरेद दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव की चार बेटियाँ कथित रूप से बिहार से बाहर चली गई हैं, और माहौल कुछ ऐसा है कि घर के भीतर की नाराज़गी अब पार्टी समीकरणों पर भी असर डाल रही है।
तेजस्वी बनाम बहन: उम्मीदवार चयन पर टकराव
तेजस्वी यादव, जिन्होंने पूरे प्रचार अभियान का नेतृत्व किया, reportedly अपनी एक बहन से बेहद नाराज़ बताए जाते हैं। आरोप यह कि कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर उम्मीदवार चयन में गड़बड़ी हुई, जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा और कार्यकर्ताओं के मन में भी असंतोष पनपा।
लालू यादव का मौन: क्या संकेत?
पारिवारिक तनाव का असर खुद लालू यादव पर भी दिख रहा है। सूत्रों का कहना है कि वे अब सक्रिय राजनीतिक बातचीत से दूरी बनाए हुए हैं। पुराने भरोसेमंद नेताओं से भी उनका संपर्क कम हो गया है जो राजद की संगठनात्मक क्षमता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
