एयरलाइंस की मनमानी खत्म! सरकार ने फेयर कैप लगाया, किराया बढ़ाया तो कार्रवाई

एयरलाइंस की मनमानी खत्म! सरकार ने फेयर कैप लगाया, किराया बढ़ाया तो कार्रवाई
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यात्रियों को बड़ी राहत FDTL विवाद के बीच सरकार ने एयर टिकट दरों पर ब्रेक लगाया, अब सबसे महंगा टिकट भी सिर्फ 18,000

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो लगातार कई दिनों से संकट में है और इसी बीच शनिवार को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। अचानक बढ़े एयरफेयर और टिकटों की मनमानी कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने फेयर कैप लागू कर दिया है। अब कोई भी एयरलाइन तय सीमा से ज्यादा किराया नहीं वसूल पाएगी। सरकार ने कहा कि जब तक फ्लाइट ऑपरेशंस सामान्य नहीं होते, तब तक सभी कंपनियों के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य रहेगी। उद्देश्य साफ है—किराए की अफरातफरी पर रोक लगाना, बाजार में अनुशासन बनाए रखना और ऐसे समय में यात्रियों का शोषण रोकना जब इंडिगो की देरी और कैंसिलेशन की वजह से लोग परेशान हैं।

अब कितने किराए तक टिकट बिक सकेंगे?

  • नई लिमिट के अनुसार 500 किमी तक की उड़ान: अधिकतम 7,500
  • 500–1000 किमी की उड़ान: अधिकतम 12,000
  • किसी भी रूट का अधिकतम किराया: 18,000 (इकोनॉमी)

ये सीमा बिज़नेस क्लास पर लागू नहीं होगी। सरकार का कहना है कि फिलहाल हालात सामान्य नहीं हैं, इसलिए यह स्टेप उठाना पड़ा।

टिकटों की कीमतें 10 गुना तक पहुंच गई थीं

इंडिगो में लगातार कैंसिलेशन और देरी की वजह से दूसरी एयरलाइंस की टिकटें अचानक रिकॉर्ड स्तर पर महंगी हो गईं। कई यात्रियों को मजबूरी में दोगुनी नहीं, बल्कि 10 गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ी। यात्रा ऐप्स के अनुसार दिल्ली-बेंगलुरु की कई फ्लाइटें 40,000 से ₹80,000 तक बिक रही थीं। दिल्ली-मुंबई का न्यूनतम किराया 36,000, जबकि कुछ टिकटें ₹56,000 तक पहुंच गईं। दिल्ली-चेन्नई की देर रात वाली फ्लाइट्स का किराया 62,000–₹82,000 तक दर्ज हुआ। यात्रियों ने सोशल मीडिया पर इस लूट की तीखी आलोचना की थी।

सरकार ने इंडिगो को दिया आदेश रिफंड और लगेज तुरंत लौटाएं

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (MoCA) ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि रविवार रात 8 बजे तक सभी लंबित रिफंड क्लियर करे। 48 घंटे के भीतर यात्रियों का लगेज वापस करे। साथ ही दूसरी सभी एयरलाइंस को चेताया गया है कि तय किराए की सीमा तोड़ी तो फौरन कार्रवाई होगी।

सरकार ने FDTL नियमों में भी ढील दी

इंडिगो का कहना था कि DGCA के नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों की वजह से पायलटों और क्रू की कमी हो गई थी, जिससे ऑपरेशंस पर बुरा असर पड़ा। दबाव बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक अहम बदलाव किया और वीकली रेस्ट की अनिवार्यता वाला आदेश 10 फरवरी 2026 तक के लिए वापस ले लिया। यानी एयरलाइंस को अस्थायी राहत मिली है।

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