मुंबई: Wave के लिए आमिर ख़ान ने मोदी सरकार को कहा धन्यवाद मगर थिएटर और सिनेमा हाल की कमी पर जताई चिंता।

मुंबई: सिनेमा के शहर मुंबई से मनोरंजन की दुनिया के लिए मोदी सरकार ने एक नई पहल की है। Wave यानी वर्ल्ड इफ ऑडियो विसुअल और इंटरटेन्मरंट के नए प्लेटफार्म को जहाँ सरकार ने कला के मंत्र के साथ पूरे विश्व के साथ बाँधने का एक सूत्र बताया गई वहीं आधुनिक और पारंपरिक कला के साथ कलाकारों को एक दूसरे के साथ बाँधने का के वैश्विक माध्यम। आज के इस तकनीकी की दुनिया में जहाँ टेक्नोलॉजी हर दिन एक नए स्वरूप से साथ नज़र आ रही है और उससे मनोरंजन की दुनिया भी अधूरी नहीं गई। एक जहाँ मनोरंजन किसी मंच का मोहताज नहीं रह गया है और ना ही उसकी कोई फिक्स पड़ी हास्य रह गई है।
गेमिंग हो या म्यूजिक, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का वर्चुअल वर्ल्ड या कहानियों से भरा सिल्वर स्क्रीन। सभी के लिए आज दर्शक भी हैं और मच भी। आकर बदल गया मगर शे सबका एक ही हो गया है सिर्फ मनोरंजन ऐसे में।
कितनी जिम्मेदार होनी चाहिए मनोरंजन की ये दुनियाँ इसी पर Wave 2025 में बात कराटे हुए फ़िल्म कलाकार और निर्माता -निर्देशक आमिर ख़ान ने मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले उनके करियर के 35 साल में किसी सरकार ने नहीं सोचा।
ये पहली बार है जब किसी सरकार ने अपना दिमाग लगाया और सोचा कि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लिए कुछ किया जाए। सरकार ने ये आयोजन किया जो बड़ा वैश्विक प्रयास है। सभी फिल्म निर्माताओं के लिए ये बड़ा अवसर है। पहली बार सरकार ने इंटरेस्ट दिखाया है। आगे उन्होंने जहाँ कि हमने यहां जो चर्चाएं की हैं, मुझे विश्वास है इस सरकार की मंशा के साथ वे अंततः नीतियों में परिवर्तित होंगी।
अपनी बात - चीत के दौरान अभिनेता आमिर खान ने कहा कि भारत में सिनेमा हाल और थियेटर्स की कमी है सुर सरकार को और अधिक थिएटरों में इन्वेस्ट करने की बहुत जरूरत है। वेव्स समिट समिट 2025 के दूसरे दिन ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड स्टूडियो मैप’ विषय पर बोलते हुए आमिर खान ने यह भी कहा कि भारत एक फिल्म प्रेमी देश है, लेकिन इसके अधिकांश लोगों की सिनेमा हॉल तक पहुंच नहीं है।
‘उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे जिले और क्षेत्र हैं, जहां थिएटर्स और सिनेमा हॉल नहीं हैं’। आमिर खान ने कहा, “मेरा मानना है कि हमें भारत में और अधिक विभिन्न प्रकार के थिएटर बनाने की जरूरत है।
आमिर ने जहाँ कि सिनेमा जगत ने बीते कुछ दशकों में जो सबसे बड़ी परेशानियां झेली हैं, वह है स्क्रीन की कमी । उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें इसी में इन्वेस्ट करना चाहिए। भारत में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं, लेकिन यह तभी पूरी हो सकती हैं, जब आपके पास देश भर में मनोरंजन भरे अच्छे सिनेमा की दिखाने के लिए अधिक स्क्रीन की संख्या हों।
आगे अपनी बात -चीत में आमिर ने स्क्रीम के आंकड़ों पर जोर डालते हुए कहा कि स्क्रीन्स के मामले में हम अमेरिका और चीन से पीछे हैं’। देश की क्षमता और यहां रहने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से हमारे पास बहुत कम थिएटर हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास लगभग 10,000 स्क्रीन हैं। अमेरिका में जिसकी आबादी भारत की एक तिहाई है, उनके पास 40,000 स्क्रीन हैं। जबकि चीन में 90,000 स्क्रीन हैं। आमिर ने कहा की एक यह भी वजह है की एंटरटेनमेंट वर्ल्ड में भारत बाकी कुछ विकसित देशों से पीछे है क्योंकि प्रोडक्शन और रिलीज का भारत में कोई तालमेल नहीं।
