Kishtwar Cloud Burst: किश्तवाड़ में बादल फटने से 42 लोगों की मौत, सैकड़ों लापता, राहत-बचाव कार्य जारी; PM मोदी ने जताया शोक

किश्तवाड़ में बादल फटने से 42 लोगों की मौत, सैकड़ों लापता, राहत-बचाव कार्य जारी; PM मोदी ने जताया शोक
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Kishtwar Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर एक बड़ा हादसा हुआ। मचैल माता यात्रा मार्ग पर चशोटी गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस आपदा में अब तक 42 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 120 से अधिक लोग घायल हुए है। लगभग 200 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे है।

घटना दोपहर करीब 12:30 बजे हुई, जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव चशोटी गांव में मौजूद थे। अचानक पहाड़ से तेज पानी और मलबा नीचे आया, जिसने बसों, टेंट, लंगर और दुकानों को बहा दिया। कई मकानों को नुकसान पहुंचा है, वहीं लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए है।

अब तक 167 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राहत और बचाव कार्य बड़े पैमाने पर जारी है। मौके पर पुलिस, सेना, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें तैनात है। जिला उपायुक्त पंकज शर्मा और एसएसपी नरेश सिंह खुद मौके पर रहकर राहत कार्यो की निगरानी कर रहे है। जम्मू के आईजीपी और डीआईजी डीकेआर रेंज भी हालात पर नजर बनाए हुए है।

चशोटी गांव किश्तवाड़ शहर से करीब 90 किलोमीटर दूर और मचैल माता मंदिर के रास्ते पर पहला गांव है। यह इलाका पड्डर घाटी में स्थित है, जहां पहाड़ों की ऊंचाई और ढलान के कारण पानी का बहाव बेहद तेज हो जाता है।

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित ने दुख जताया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

मचैल माता यात्रा हर साल अगस्त में होती है और इस बार यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक निर्धारित है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे फिलहाल यात्रा मार्ग पर न जाएं और सुरक्षित स्थान पर रहें।

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