26/11 Mumbai Terror Attack: तहव्वुर राणा मामले में नरेंद्र मान विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA)
26/11 Mumbai Terror Attack : केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने बुधवार रात एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर तीन साल के लिए मुकदमे के लिए एक विशेष सरकारी अभियोजक की नियुक्ति की। यह अधिसूचना तहव्वुर राणा के आने से एक दिन पहले जारी की गई। राणा को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तारी के बाद अमेरिका से प्रत्यर्पित किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और खुफिया अधिकारियों की एक टीम ने राणा की हिरासत हासिल कर ली है और वह गुरुवार को दिल्ली पहुंचेगा। एक अधिसूचना में, संयुक्त सचिव (एमएचए) अभिजीत सिन्हा ने कहा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (2008 का 34) की धारा 15 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 18 की उप-धारा (8) के साथ, केंद्र सरकार नरेंद्र मान, एडवोकेट को एनआईए की ओर से दिल्ली और अपीलीय न्यायालयों में एनआईए विशेष अदालतों के समक्ष एनआईए केस आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों के संचालन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करती है। इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए या उक्त मामले के मुकदमे के पूरा होने तक, जो भी पहले हो”।
जानकारी के अनुसार, राणा के भारत पहुंचने के बाद उसे तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में रखे जाने की संभावना है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। तिहाड़ जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत पहुंचने के तुरंत बाद राणा को दिल्ली की NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसका मेडिकल चेकअप होगा। इसके बाद NIA अपनी हिरासत की मांग कर सकती है ताकि मामले की आगे की जांच की जा सके।
NIA की चार्जशीट में क्या?
NIA की 2011 में दायर चार्जशीट के अनुसार, राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली की हमले की योजना में मदद की थी। हेडली ने हमले से पहले मुंबई और अन्य शहरों की रेकी की थी।
राणा ने 'इमिग्रेंट लॉ सेंटर' नाम से मुंबई में एक ऑफिस खोला, जो हेडली की गतिविधियों का कवर था। वह अपनी पत्नी के साथ भारत आया और हापुड़, दिल्ली, आगरा, कोच्चि, अहमदाबाद, और मुंबई जैसे शहरों में घूमते हुए हेडली से लगातार संपर्क में रहा। उसका संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संदिग्ध अधिकारी मेजर इकबाल से भी बताया गया है।
दोनों ने चाबड़ हाउस और नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे ठिकानों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। राणा, जो पाकिस्तान सेना का पूर्व कप्तान और कनाडाई नागरिक है, अपनी इस भूमिका के लिए लंबे समय से भारत की तलाशी सूची में था।
