India-Pakistan Ceasefire: "मैंने जंग नहीं रुकवाई... भारत-पाकिस्तान सीजफायर वाले बयान पर डोनाल्ड ट्रंप का यू-टर्न

India-Pakistan Ceasefire
India-Pakistan Ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर दिए गए अपने पुराने बयान से यू-टर्न ले लिया है। गुरुवार को उन्होंने साफ किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच किसी तरह की मध्यस्थता नहीं की थी, बल्कि सिर्फ तनाव कम करने में सहयोग किया था।
कतर दौरे के दौरान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अल-उदीद एयर बेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद की थी। ट्रंप ने कहा, "मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने ही सब कुछ किया, लेकिन पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच जो समस्या थी, उसे सुलझाने में मैंने मदद की, क्योंकि मामला काफी तनावपूर्ण होता जा रहा था।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर नहीं कराया, लेकिन उन्होंने दोनों देशों को समस्या सुलझाने में मदद की है। यह बयान उन्होंने अपने पुराने बयान से अलग दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को सीजफायर कराने का श्रेय दिया था।
ट्रम्प का 10 मई वाला मध्यस्थता का दावा
10 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान ने तुरंत और पूर्ण युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने दोनों देशों की समझदारी की तारीफ की और इसे एक बड़ी सफलता बताया था।
पहले ले चुके हैं सीजफायर का क्रेडिट
डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी कई बार भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय खुद को देते रहे हैं। सऊदी अरब दौरे के दौरान मंगलवार को उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक संघर्ष विराम कराया गया था। इतना ही नहीं बीते शनिवार को उन्होंने दो बार यह बात दोहराई कि दोनों देशों के बीच जो सीजफायर हुआ, वह उनकी कोशिशों का नतीजा था।
सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने तीसरी बार कहा कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता की है, जिससे लाखों लोगों की जान बची। इस समय ट्रंप पश्चिम एशिया के चार दिवसीय दौरे पर हैं।
भारत ने ट्रम्प के दावों को ठुकराया
भारत ने साफ कह दिया था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सीधे भारत से ही सीजफायर की गुजारिश की थी, जिसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने फिर से दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से व्यापार और अन्य मुद्दों पर बात की।