जब आदिवासी मारे गए तब नहीं हुई पीड़ा: गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सल शांति वार्ता को लेकर जताई नाराजगी

Home Minister Vijay Sharma on Naxal Peace Talks : रायपुर। आज जब तेलंगाना वाले फंस रहे हैं तो पीड़ा जताई जा रही है, लेकिन जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी मारे गए, तब किसी को पीड़ा नहीं हुई। राज्य में नक्सल मुठभेड़ों में अब तक 400 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं, तब कोई वार्ता की बात नहीं कर रहा था। यह बात छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में बीते 8 दिनों से जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन और शांति वार्ता को लेकर आज रायपुर में प्रेसवार्ता के दौरान कही है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने वाले संगठनों पर सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर ये लोग होते कौन हैं? कौन है ये लोग जो वार्ता की बात कर रहे हैं? दाल में जरूर कुछ काला है। नक्सली यह स्पष्ट करें कि उनकी तरफ से बातचीत के लिए कौन प्रतिनिधित्व करेगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा से लगे कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में एंटी नक्सल ऑपरेशन बीते 9 दिनों से जारी है। यहां पांच राज्यों के सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े लीडरों को घेर रखा है। अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। इनमें से 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद किये जा चुके हैं।
गौरतलब है कि, बीते दिन 29 अप्रैल को तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव (केसीआर) का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसमें केसीआर तेलुगु में कह रहे थे कि माओवादियों के खिलाफ जो ऑपरेशन चलाया जा रहा है उसे रोक दिया जाए और नक्सलियों से शांतिवार्ता की जाए। इसके बाद बुधवार को गृहमंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पत्रकार वार्ता की।
