नजर में आए बिना पेट में पैर पसारती है ये बीमारी, आंतों के इन लक्षणों को न करें अनदेखा

नई दिल्लीः आजकल की जीवनशैली इतनी बिजी हो गई है कि कई बार पोषण से जुड़ी जरूरतें नजरअंदाज हो जाती हैं। इसके चलते स्वास्थ्य कहीं पीछे छूट जाता है। पोषण की कमी से शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती हैं। व्यक्ति के इनका पता तब चलता है, जब बात हाथ से निकल जाती है। इन्हीं में से एक है पेट में हल्का दर्द का होना।
दिनभर में हम इतना व्यस्त रहते हैं कि पेट में होने वाले हल्के दर्द को मामूली समझकर छोड़ देते हैं। लेकिन, इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। हल्का सा यह दर्द असल में आंतों की खराब सेहत का इशारा हो सकता है, जो आगे चलकर किसी बड़ी बीमार का रूप ले सकता है।
शरीर की गंदगी निकालने में सहयोगी
आंत हमारे शरीर का अहम हिस्सा होता है, जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है। आंतों का संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट छोटी या बड़ी आंतों में बढ़ने लगते हैं। धीरे-धीरे पेट दर्द, पाचन, कब्ज, हॉर्मोन असंतुलन, उल्टी, बुखार जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। कुछ आंतों में ज्यादा परेशानी होने पर कीड़े भी हो जाते हैं।
आंतों में होने वाला इंफ्केशन शरीर की गंदगी निकालने की प्रक्रिया में बाधा डालता है और ये स्थिति शरीर को कमजोर और बेहद बीमार कर सकती है।
आंतों में इंफ्केशन फैलने के कारण
आंतों का संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें गंदा पानी और दूषित भोजन का सेवन करना, बार-बार एंटीबायोटिक लेना, कमजोर पाचन प्रणाली का होना, बिना हाथ साफ किए भोजन खाना, जंक फूड ज्यादा खाना, और तनाव लेना शामिल है। इनमें से कुछ बातों का ध्यान रखकर हम बीमारी से बच सकते हैं। लेकिन तब क्या हो जब बीमारी हो जाए।
आयुर्वेद में है संक्रम का इलाज
वैसे इंफ्केशन होने पर ज्यादातर एलोपैथिक दवाइयां लेकर हम आराम तो पा सकते हैं। लेकिन यह तकलीफ को जड़ से खत्म नहीं करता है। वहीं, ज्यादा दवाइयां लेने से नुकसान और बढ़ता जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में आंतों की देखभाल के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इनके बारे में जानते हैं-
-आंतों की देखभाल के लिए लिए रोजाना दोपहर के समय छाछ का सेवन कर सकते हैं। छाछ आंतों के लिए औषधि है। इसमें हींग और जीरा मिलाकर पीने से आंतों का बैक्टीरिया खत्म होता है।
-दूसरा, अनार का रस पीने से भी आंतों को ठीक से काम करने की क्षमता मिलती है। इससे आंतों में फैलने वाला संक्रमण नियंत्रित होगा। अगर संक्रमण की वजह से पेट खराब हो गया है और दस्त की शिकायत है, तो अनार का सेवन जरूर करें।
-तीसरा, आयुर्वेद में बेल को अतिसार नाशक माना गया है, जो ठंडक से भरपूर होता है। ऐसे में बेल का जूस आंतों के लिए लाभकारी होता है। गर्मियों में बेल का जूस आंतों को साफ करने में मदद करता है।
-चौथा, त्रिफला चूर्ण का सेवन भी आंतों के लिए दवा की तरह है। त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से आंतों की सफाई होती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
-पांचवा, दूध के साथ हल्दी का सेवन भी आंतों को साफ करने में मदद करता है। साथ ही यह आंतों की सूजन को कम करता है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी सूजन को कम करते हैं।
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