Health News: रीड की हड्डी का बढ़ना है गंभीर समस्या, बिल्कुल न करें नजरअंदाज, जानें क्या करें उपाय

Health News: रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर की नींव है, जो न सिर्फ शरीर को सीधा और संतुलित रखती है, बल्कि दिमाग से निकलने वाले संदेशों को भी पूरे शरीर में पहुंचाने का काम करती है। लेकिन आजकल बहुत से लोग रीढ़ की हड्डी के बढ़ने से जूझ रहे हैं l
सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन मेडिकल भाषा में इसे ‘स्पाइनल ऑस्टियोफाइट्स’ या ‘बोन स्पर’ कहा जाता है। दरअसल, यह तब होता है जब रीढ़ की हड्डी के किनारों पर अतिरिक्त हड्डी बनने लगती है। यह कोई ट्यूमर या कैंसर नहीं होता, बल्कि शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है l
एक्सपर्ट क्या कहते हैं
एक्सपर्ट बताते कि यह समस्या सबसे ज़्यादा उम्र बढ़ने के साथ देखने को मिलती है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियों के बीच का कार्टिलेज घिसने लगता है और शरीर उसे भरने के लिए नई हड्डी बनाने लगता है। इसके अलावा खराब पोश्चर, रीढ़ में लगी पुरानी चोट, भारी वजन उठाने की आदत और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
शुरुआत में ये समस्या हल्के दर्द से शुरू होती है, खासकर पीठ या गर्दन में। लेकिन जैसे-जैसे हड्डी बढ़ती है और नसों पर दबाव डालने लगती है, तब हाथ-पैरों में झनझनाहट, सुन्नता, कमजोरी और मांसपेशियों में जकड़न जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
क्या करें बचाव
बचाव की बात करें तो सबसे ज़रूरी है कि हम अपने बैठने और चलने के तरीके को सुधारें। लंबे समय तक एक ही पॉज़िशन में ना बैठें, रोज़ हल्का व्यायाम या योग करें, और कैल्शियम-विटामिन D से भरपूर डाइट लें। वजन पर नियंत्रण रखना भी बहुत जरूरी है ताकि रीढ़ पर ज्यादा बोझ ना पड़े।
