AI Chatbot: अब डिप्रेशन का इलाज करेगा AI चैटबॉट? जानें हेल्थ सेक्टर की नई तकनीकी

AI Chatbot: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI अब सिर्फ तकनीक की दुनिया तक सीमित नहीं रहा। अब यह धीरे-धीरे हमारे जीवन के अहम हिस्सों में भी शामिल हो गया है l इसके अलावा अब यह मॉडर्न तकनीकी हेल्थ सेक्टर में भी तेजी से इस्तेमाल होने लगा है l हेल्थ की जब भी बात होती है तो डिप्रेशन को लेकर काफी बड़ी चिंता सामने आती है l इसीलिए यह सवाल उठता है कि क्या AI के टूल्स डिप्रेशन से लड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं या नहीं? एक स्टडी के मुताबिक भारत में वर्तमान में 35% लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से परेशान हैं l
AI से हो सकती है शुरुआती पहचान
अब कुछ प्रमुख मेडिकल और टेक्नोलॉजी संस्थानों ने मिलकर एक खास ऐप तैयार किया है, जो AI की मदद से काम करता है। यह ऐप यूजर से कुछ सवाल करता है और उनकी आवाज व जवाबों के विश्लेषण से यह समझने की कोशिश करता है कि क्या वह डिप्रेशन की चपेट में है। यह तरीका शुरुआती जांच के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है खासकर उन लोगों के लिए जो खुद को बीमार मानने को तैयार नहीं होते।
बहुत सावधानी रखने की है जरूरत
जानकारी के लिए पहले ही बता दे कि AI चैटबॉट को लेकर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। एक हालिया अध्ययन में बताया गया कि AI आधारित चैटबॉट दवाओं या इलाज के बारे में हमेशा सटीक जानकारी नहीं देते। कई बार इनके हमले इतने ज्यादा मुश्किल होते हैं कि उन्हें समझना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है l AI टूल्स में कभी कभी यह भी हो सकता है कि यह कुछ मामलों में गलत सलाह भी दे दे l
डिप्रेशन का सही इलाज होना ज़रूरी
AI की मदद से भले शुरुआती पहचान आसान हो जाए लेकिन डिप्रेशन का सही इलाज इंसानी समझ और भावनाओं से ही होता है। समय पर दवा, काउंसलिंग, अपनों का साथ, पॉजिटिव सोच, योग और एक्सरसाइज ये सभी चीजें मिलकर डिप्रेशन को दूर करने में काम आती हैं l