विश्व तंबाकू निषेध दिवस: मीठा जहर है तम्बाकू, इससे दूर रहने में है भलाई
कैंसर से मुक्ति के लिए तंबाकू सेवन छोड़ना होगा। वर्तमान में सबसे ज्यादा कैंसर मुंह में हो रहा है। उसका मुख्य कारण अत्यधिक गुटखा और तंबाकू का सेवन है।जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है।
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अम्बेडकरनगर (घनश्याम भारतीय): जिले के प्रसिद्ध दन्त चिकित्सक व महाराणा प्रताप डेंटल कॉलेज कानपुर के प्रवक्ता तथा डेंटल सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनीष पाण्डेय ने सीधे तौर पर कहा कि "कमिट टू क्विट" अर्थात विजेता बनने के लिए तंबाकू छोड़ो। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की यही थीम भी है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू से दूर कर उन्हें फिर से नई जिंदगी देना है। चिंताजनक बात यह कि आज बड़ी संख्या में लोग तंबाकू का किसी न किसी रुप में प्रयोग कर रहे हैं। सिगरेट, गुटखा, बीड़ी, तंबाकू इत्यादि रुपों में लोग अपने शरीर में मीठा जहर घोल रहे हैं। परिणाम यह है कि आज विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा तंबाकू की गिरफ्त में है। जाने-अनजाने में लोग स्वंय ही अपनी मौत को न्यौता दे रहे हैं। तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरुकता की कमी घातक रूप लेती जा रही है।
डॉ मनीष पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष, डेंटल सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया
डॉ मनीष पाण्डेय बताते हैं कि तंबाकू में मौजूद निकोटीन कुछ समय के लिए प्रयोग करने वाले को बेहतर बेहतर आनन्द महसूस कराता हैं, लेकिन लंबे समय तक उपयोग, हृदय, फेफड़े के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। एक अवधि के बाद, व्यक्ति निकोटीन का आदी हो जाता है जो अंत में गंभीर समस्याओं से पीड़ित हो जाता है। ह्रदय पर आघाच का खतरा बना रहता है।
धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 के साथ गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना अधिक होती है। निकोटिन कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है।
कैंसर से मुक्ति के लिए तंबाकू सेवन छोड़ना होगा। वर्तमान में सबसे ज्यादा कैंसर मुंह में हो रहा है। उसका मुख्य कारण अत्यधिक गुटखा और तंबाकू का सेवन है।जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है।
डॉ पाण्डेय बताते हैं कि धूम्रपान से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से उच्च रक्तचाप की समस्या हार्ट फेल तक ले जा सकती है। ऐसे लोगों में दूसरों की तुलना में 3 गुना ज्यादा खतरा होता है।
तंबाकू और ध्रूमपान से गैंगरीन होने की आशंका के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ध्रूमपान सीधे तौर पर धमनियों को प्रभावित करता है। अस्थमा धूम्रपान की वजह से होने वाली प्रमुख बीमारी है। टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बकौल मनीष पांडेय जब यह इतनी समस्याओं का जड़ है तो इसे छोड़ने में ही भलाई है।
Swadesh Lucknow
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