Home > हेल्थ/लाइफ स्टाइल > पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है दूर

पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है दूर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा है कि पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी दूर हो सकती है।

पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है दूर
X

बलिया: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा है कि पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी दूर हो सकती है।

उन्होंनेे कहा कि उपचाराधीन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी है।

पेट के बल लेटने के लिए 4 से 5 तकिए की जरूरत

यदि किसी कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं ऑक्सीजन लेवल 94 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गयी है। इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें। एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें। एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जांच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की नियमित जाँच होनी चाहिए।


सोने के चार पोजीशन फायदेमंद

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है, जिसमें 30 मिनट से दो घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घन्टे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गयी है। यद्यपि, मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है।


इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें

-गर्भावस्था के दौरान।

-वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या)।

-गंभीर हृदय रोग में।

-स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में।

Updated : 1 May 2021 12:18 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Lucknow

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top