Health News: क्या बच्चों को हो सकता है एपेंडिसाइटिस? जानिए लक्षण, कारण और इलाज

Health News: अक्सर हम मानते हैं कि एपेंडिसाइटिस सिर्फ बड़ों की बीमारी है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह छोटे बच्चों को भी हो सकती है और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। खासतौर पर 5 साल से बड़े बच्चों में इसके मामले ज्यादा सामने आते हैं लेकिन 1 से 3 साल के टॉडलर्स भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
एपेंडिसाइटिस क्या है
एपेंडिक्स एक छोटी थैली जैसा अंग होता है जो बड़ी आंत से जुड़ा होता है। जब इसमें सूजन आ जाती है तो उसे एपेंडिसाइटिस कहा जाता है। इसके पीछे कारण मल जमा होना, संक्रमण या लिंफ नोड्स में सूजन हो सकते हैं। यह सूजन समय पर इलाज न होने पर फट सकती है और पेट में गंभीर संक्रमण फैला सकती है।
बच्चों में कैसे दिखते हैं लक्षण
छोटे बच्चों में सबसे बड़ी चुनौती ये होती है कि वे अपने दर्द या तकलीफ को ठीक से बता नहीं पाते। इसलिए यदि बच्चा बार-बार पेट दर्द की शिकायत करे, खासकर पेट के निचले दाएं हिस्से में, खाना न खाए, चिड़चिड़ा हो जाए या उसका पेट फूला हुआ लगे तो ये लक्षण एपेंडिसाइटिस की तरफ इशारा कर सकते हैं। उल्टी, बुखार और थकावट भी इसके सामान्य संकेत हैं।
कैसे होती है पहचान और इलाज?
एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चों में इस बीमारी की पुष्टि के लिए शारीरिक जांच, खून की जांच और अल्ट्रासाउंड किया जाता है। सीटी स्कैन से रेडिएशन का खतरा होता है, इसलिए बच्चों में कम इस्तेमाल किया जाता है। अगर स्थिति शुरुआती है तो एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज संभव है लेकिन ज्यादातर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
समय पर इलाज क्यों है जरूरी?
एक्सपर्ट का कहना है कि एपेंडिसाइटिस एक मेडिकल इमरजेंसी है और देरी खतरनाक हो सकती है। अगर एपेंडिक्स फट जाए तो बच्चे को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। समय पर इलाज से न केवल बच्चे की जान बचाई जा सकती है बल्कि उसकी सेहत भी जल्दी सुधर सकती है।
