ग्वालियर लोकायुक्त का एक्शन: 30 हजार की रिश्वत लेते राजस्व निरीक्षक ट्रैप, अवैध कब्जा हटवाने के लिए मांगे थे 50 हजार

30 हजार की रिश्वत लेते राजस्व निरीक्षक ट्रैप, अवैध कब्जा हटवाने के लिए मांगे थे 50 हजार
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Gwalior Lokayukta Action : मध्य प्रदेश। ग्वालियर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की टीम ने एक बार फिर सख्त कार्रवाई की है। सोमवार को ग्वालियर लोकायुक्त ने एक नाटकीय स्टिंग ऑपरेशन के ज़रिए घाटीगांव तहसील के राजस्व निरीक्षक दिलीप नागर को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि, यह कार्रवाई उन सरकारी अधिकारियों को सीधा संदेश है कि, अब भ्रष्टाचार नहीं चलेगा।

फरीदाबाद निवासी प्रवीण सिंह ने 16 अप्रैल को ग्वालियर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, प्रवीण सिंह ने दादौली गांव में 42 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी और उस पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए घाटीगांव तहसीलदार से चार बार आदेश पारित करवाए। बावजूद इसके, तहसील की टीम के प्रमुख दिलीप नागर ने कार्यवाही नहीं की और इसके बदले 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त की टीम हरकत में आई। नागर ने बातचीत के दौरान रिश्वत की राशि घटाकर 35,000 रुपये कर दी, जिसमें से 5,000 पहले ही ले लिए और 30,000 की शेष रकम की मांग की गई। इस पर 22 अप्रैल को पुलिस निरीक्षक कविंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम ने ग्वालियर के गिरवाई क्षेत्र में नागर के आवास पर छापा मारा। नागर को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया और मौके से नकदी भी जब्त की गई।

इस ऑपरेशन को सफल बनाने में बृजमोहन सिंह नरवरिया, बलराम सिंह राजावत, अंजलि शर्मा और कई अन्य अधिकारियों की अहम भूमिका रही। कार्रवाई के बाद दिलीप नागर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और कानूनी कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है।

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