नकल करते पकड़े गए तो दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण, शिक्षकों की भोपाल से लगाई गई ड्यूटी

नकल करते पकड़े गए तो दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण, शिक्षकों की भोपाल से लगाई गई ड्यूटी
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हाईस्कूल एवं हायरसेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा आज से, नकल रोकने के लिए किए गए है पुख्ता इंतजाम

-निज प्रतिनिधि-

गुना। परीक्षा का महाकुंभ यानि हाईस्कूल एवं हायरसेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा कल 1 मार्च से शुरु होने जा रही है। पहले दिन कल हाईस्कूल का हिन्दी भाषा का पर्चा होगा। हर बार की तरह इस बार भी परीक्षा में नकल रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए है। जिनमें कुछ अतिरिक्त इंतजाम भी है। मसलन इस बार अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते पकड़ा जाता है तो उस पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जा रहा है, वहीं शिक्षकों की ड्यूटी भी जिला स्तर पर न लगाई जाकर भोपाल से लगाई गई है। जिसमें रेंडमाइजेशन को माध्यम बनाया गया है। इसके अलावा मोबाइल को प्रतिबंधित रखने के साथ ही उडऩ दस्तों का गठन एवं पुलिस बल का भी इंतजाम रखा गया है। कुल मिलाकर परीक्षा में हर मुमकिन कोशिश नकल रोकने की गई है।

मोबाइल प्रतिबंधित, लाए तो आलमारी में कैद होगा

परीक्षा के दौरान केन्द्र में मोबाइल पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया है। न सिर्फ विद्यार्थी बल्कि शिक्षकों के लिए भी यह नियम लागू है। जिसका सख्ती से पालन कराए जाने की बात कही जा रही है। अगर कोई शिक्षक केन्द्र पर मोबाइल लेकर पहुंचते है तो उसे आलमारी में बंद करना होगा। केन्द्र पर सिर्फ सुरक्षा बल को ही मोबाइल रखने की छूट दी गई है, वह भी आपात स्थिति में ही अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका उपयोग इस स्थिति में शिक्षक या अन्य कर्मचारी भी कर सकते है। इसके साथ ही केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा। शासन की अनुमति के बिना वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी नहीं की जा सकेगी।

कलेक्टर भी कर सकते है निरीक्षण

नकल रोकने के लिए इंतजाम इतने तगड़े है कि भारी सुरक्षा बल तो केन्द्र पर मौजूद रहेगा ही।इसके साथ ही परीक्षा की निगरानी के लिए उडऩ दस्ते भी गठित किए गए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर भी किसी भी समय अचानक केन्द्र का निरीक्षण कर सकते है। परीक्षा का पर्चा भी संंबंधित स्थल के थाने में रखा गया है, जिसे परीक्षा से कुछ समय पहले ही निकाला जा सकेगा इस समय कलेक्टर के प्रतिनिधि का मौके पर मौजूद रहना आवश्यक है। उनकी अनुपस्थिति में पर्चा का बंडल नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस पर हल पल की जानकारी उपलब्ध रहेगी।

65 केंद्र पर होगी परीक्षा, इतने ही केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष नियुक्त

जिले में परीक्षा के लिए 65 केन्द्र बनाए गए है। जिनमें इतने ही केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। परक्षी में कुल 30 हजार 190 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें 10वीं में 18 हजार 769 एवं 12वीं में 11हजार 421 परीक्षार्थी शामिल होंगे। डीईओ संजय श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा सुबह 9 बजे से शुरु होगी और इसके लिए 30 मिनट पहले यानि 8.30 पर परीक्षार्थियों को संबंधित केन्द्र पर पहुँचना होगा। कारण केन्द्र में प्रवेश से पहले परीक्षार्थी को लंबी जांच प्रक्रिया से निकलना होगा। परीक्षा शुरु होने के आधे घंटे बाद किसी भी परीक्षार्थी को केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

फिर देखने को मिलेगा फर्नीचर का टोटा

तमाम कवायदों के बावजूद इस साल भी परीक्षा के दौरान फर्नीचर का टोटा देखने को मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दूर रही, शहरी क्षेत्र में ही कुछ स्कूलों में कुर्सी, टेबिल की जगह परीक्षार्थियों को जमीन पर बैठकर पर्चा हल करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि हजारों बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध नहीं हो सकेगा, जबकि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इसको लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे कि किसी भी परीक्षार्थी को जमीन पर बैठकर पर्चा हल नहीं करना चाहिए। हालांकि शिक्षा विभाग इसको लेकर परीक्षा शुरु होने के एक दिन पहले तक इंतजाम के दावे कर रहा है। दूसरी ओर कुल केन्द्रों में से 17 को संवेदनशील भी माना गया है। यहां 100 से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा।प्रशासन ने 15 उडऩ दस्ते भी गठित किए है, जिनमें वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही अन्य अधिकारी भी निगाहें रखे रहेंगे। अति संवेदनशील केन्द्र किसी को नहीं माना गया है। अधिकारियों के अनुसार हमारे यहां फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है।

खास-खास

65 परीक्षा के लिए बनाए गए है 65 केन्द्र, इसमें से 17 को माना गया है संवेदनशील।

100 से ज्यादा सुरक्षा बल संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर तैनात किया जाएगा।

2050 शिक्षकों की परीक्षा केन्द्रों पर लगाई गई है ड्यूटी, 200 से ज्यादा आरक्षित भी रहेंगे

30190 परीक्षार्थी होंगे दोनों परीक्षा में शामिल। हाईस्कूल में 18 हजार 769 एवं हायर सेकेण्डरी में 11 हजार 421 परीक्षार्थी शामिल।

15 उडऩ दस्तों का गठन परीक्षा केन्द्रों की निगरानी के लिए किया गया है। इसमें 50 से अधिक अधिकारी शामिल।

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