स्वास्थ्य आयुक्त ने जांचा अस्पताल का स्वास्थ्य और बोले : ठीक चल रही है नब्ज, रक्तचाप भी बेहतर

स्वास्थ्य संचालक अव्यवस्थाओं पर जता गए थे नाराजगी, अधिकारियों के निशाने पर रहीं है अस्पताल की व्यवस्थाएं
-निज प्रतिनिधि-
गुना। स्वास्थ्य आयुक्त नीतेश व्यास ने गुरुवार को जिला अस्पताल का स्वास्थ्य जांचा। इस दौरान उन्होने काफी देर तक अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। वार्डों का अवलोकन किया तो संसाधनों की जानकारी लेते हुए मरीजों से भी चर्चा की। तत्पश्चात सारी व्यवस्थाओं पर उन्होने संतुष्टि जता दी। यहां तक गई जिला अस्पताल मेें चिकित्सकों की कमी के तथ्य को भी आयुक्त नकार गए। स्वास्थ्य संबंधी लहजे में कहा जाए तो आयुक्त के मुताबिक नब्ज ठीक चल रही है और रक्तचाप भी बेहतर है। यहां यह उल्लेख करना बहुत जरुरी है कि हाल ही में स्वास्थ्य संचालक भी गुना आए थे। इस दौरान उन्होनेे जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और अव्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नाराजगी प्रगट की थी। इसके अलावा भी समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों के निशाने पर जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं रहीं है।
♦ रात में गुना आए आयुक्त, सुबह किया अस्पताल का निरीक्षण
स्वास्थ्य आयुक्त नीतेश व्यास बीती रात गुना आए। इस दौरान रात्रि विश्राम उन्होने गुना में किया। इसके बाद गुरुवार सुबह वह जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे गए। आयुक्त सबसे पहले अस्पताल की ओपीडी में पहुँचे और चिकित्सकों के बैठने का समय और वर्तमान में आ रहे मरीजों की जानकारी ली। इसके बाद वह दवाई वितरण व्यवस्था एवं पर्चे आदि की जानकारी ली। इसके बाद आयुक्त सीधे दवाओं के भंडार गृह में पहुँचे और दवाओं की आर्पूति एवं जिला स्तर पर खरीदी जाने वाली दवाओं के संबंध में जानकारी ली। अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता को लेकर उन्होने साथ में मौजूद कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार, सीएस डॉ. एसपी जैन, सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मिश्रा से भी चर्चा की। आयुक्त ने इस दौरान निर्देश दिए कि अस्पताल में मरीजों को दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होना चाहिए।
♦ एसएनसीयू की व्यवस्थाएं भी देखी
आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू की व्यवस्थाएं भी देखी। साथ ही जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद आयुक्त डायलिसिस यूनिट में पहुँचे और प्रतिदिन होने वाली डायलिसिस की जानकारी ली। डायलिसिस के आंकड़ों से भी आयुक्त रूबरु हुए। इसके साथ ही आयुक्त वार्डों के निरीक्षण के लिए भी पहुँचे और मरीजों से चर्चा की। इस के साथ ही मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी भी आयुक्त ने लेते हुए बेहतर सुविधाएं देने की मांग की।
♦ बेहतर है व्यवस्थाएं, चिकित्सकों की भी कमी नहीं
निरीक्षण के पश्चात स्वास्थ्य आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहतर है। निरीक्षण भी औचक नहीं था, बल्कि सामान्य था। सारी व्यवस्थाएं सुचारु रुप से चल रहीं है। मशीनें भी चल रहीं है तो संसाधन भी पर्याप्त है। जिला अस्पताल मेंं चिकित्सकों की कोई कमीं नहीं है। चूंकि जिला अस्पताल में मरीज ज्यादा संख्या में आते है, इसलिए चिकित्सकों पर काम का भार अधिक है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों के 50 फीसद के लगभग पद खाली पड़े हुए है। अस्पताल के लिए ५३७ पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल २८३ पद ही भरे हैं और २५५ पद खाली हैं। इसके साथ ही पैरामेडीकल स्टाफ की भी भारी कमी है।
♦ संचालक जता चुके है नाराजगी
गौरतलब है कि स्वास्थ्य संचालक ने कुछ समय पहले ही जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था, जिसमें उन्होने अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नाराजगी प्रगट करते हुए उसे सुधारने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कलेक्टर भास्कार लाक्षाकार ने पदभार संभालने के तत्काल बाद जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हे अस्पताल में भारी अव्यवस्थाएं मिली थीं।
♦ यहां क्या-क्या सुविधाएं है
निरीक्षण के क्रम को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य आयुक्त प्रसूति गृह के पास बनाए गए नए वार्ड में भी पहुँचे। इस दौरान आयुक्त ने वार्ड में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होने प्रबंधन से पूछा कि इस नए वार्ड की क्या विशेषताएं है? और क्या-क्या सुविधाएं दी जा रहीं हैं। इसके साथ ही आयुक्त ने अस्पताल में होने वाली जांचों, दवाओं की उपलब्धता, सीटी स्केन मशीन की जानकारी ली।साथ ही कैंसर की जांच एवं उपचार की व्यवस्था से भी अवगत हुए।
♦ बनाई जाएगी नई युनिट
आयुक्त ने एसएनसीयू के निरीक्षण के दौरान बताया कि शासन के स्पष्ट आदेश है कि जन्म से ही कमजोर बच्चों को उनकी माँ के साथ ही रखा जाना चाहिए। इसके लिए एक नई युनिट यहां बनाई जाए, जिसमें इस तरह की व्यवस्था जुटाई जाएगी। ज्लद ही इसको लेकर काम शुरु की बात उन्होने कही। गौरतलब है कि जन्म के समय कमजोर बच्चों को वर्तमान में एसएनसीयू में रखा जाता है और माँ वार्ड में रहतीं हैं ।
