सीरियल किलर को आजीवन कारावास की सजा

-निज प्रतिनिधि-

गुना। विशेष न्यायाधीश प्रदीप मित्तल ने एक सीरियल किलर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी साईकों बताया गया है और उसका दोष सिद्ध डीएनए टेस्ट से हुआ है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरके दुबे ने घटना के बारे में बताया कि 13-14 दिसंबर 2013 को डिडोली निवासी करण सिंह पुत्र लालू भील ने खेत में सो रहे रामप्रसाद की हत्या कर दी थी। इस आरोपी को दुर्जनपुरा राजस्थान के घासीलाल सहरिया की हत्या करने पर गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उससे पूछताछ में रामप्रसाद की हत्या का खुलासा हुआ। आरोपी को एक हत्या के मामले में बरी भी किया जा चुका है।

खून पीने की शंका

विवेचना के दौरान साक्षियों द्वारा यह भी शंका व्यक्त की गई थी कि आरोपी द्वारा उसकी मां की भी हत्या कर दी गई थी तथा आरोपी जंगल में पेड़ पर मचान बनाकर रहता था और जंगली जानवरों को मारकर खा जाता था। आरोपी द्वारा खून पीने की भी शंका जाहिर की गई थी। एक पेड़ से खून के धब्बे भी बरामद किए गए।

ऐसे प्रमाणित हुआ पूरा मामला

श्री दुबे ने बताया कि अभियोजन द्वारा प्रकरण में 21 साक्षियों के कथन कराए गए। जिनमें मौके पर घटना स्थल के आसपास आरोपी करन सिंह को देखा जाना पाया गया था। इस मामले में सबूत पर्याप्त नहीं हो रहे थे। इसके चलते श्री दुबे के आग्रह पर न्यायालय ने डीएनए टेस्ट कराया। जिसमें जिसमें घटना स्थल पर मिले मानव बाल का डीएनए मृतक के खून के डीएनए से होना पाया गया। जिससे आरोपी की घटना स्थल पर मौजूदगी प्रमाणित हुई। साथ ही अन्य परिस्थिति जन्य साक्ष्य एवं अभियोजन द्वारा प्रस्तुत न्याय दृष्टांतों के आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किया गया।

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