खामियों की गणवेश में नहीं हुई कार्रवाई

खामियों की गणवेश में नहीं हुई कार्रवाई
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स्कूलों से वापस लेने की तैयारी, दूसरे आवंटन का हो रहा इंतजार

-निज प्रतिनिधि-

गुना। स्कूलों में गणवेश वितरण को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सामने आई अनियमितताओं को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न तो आजीविका मिशन को ताकीद किया गया है और न समूहों को नोटिस जारी किए गए है। इसके विपरीत स्कूलों से खामियों वाली गणवेश वापस लेने की तैयारी की जा रही है। जिला परियोजना समन्वयक आशीष टांटिया का कहना है कि छात्रों को दूसरी गणवेश वितरित की जाएगी। इसके साथ ही गणवेश वितरण में भी तेजी नहीं आ पाई है।

साईज में है भारी घालमपेल

गौरतलब है कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं को गणवेश वितरण में भारी अनियमितताएं सामने आईँ है। खासकर साईज में भारी घालमपेल है, कहीं छोटी गणवेश दी गईं है तो कहीं बड़ी वितरित हुईं है। स्थिति यह बन रही है कि छात्र की शर्ट उनके पापाजी भी पहन सकते है तो छात्रा की स्कर्ट उनकी मम्मी को भी एकदम फिट आ रही है। इसके साथ ही गुणवत्ता भी सवाल उठाए जा रहे है। इसके चलते अधिकांश छात्र-छात्राओं ने गणवेश लौटा दी है और वह फिलहाल स्कूल के स्टोर रुम की शोभा बनी हुईं है। जिन्हे वापस करने तैयारी हो रही है।

समूहों को दिया गया था ठेका

गौरतलब है किअब तक गणवेश को लेकर सीधे राशि छात्र-छात्रा के खाते में आती थी। इस बार महिलाओं को रोजगार से जोडऩे एवं समूहों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा समूहों को गणवेश बनाकर स्कूलों में सप्लाई करने का ठेका दिया गया था। यह ठेका जुलाई में दिया गया था, किन्तु सत्र समापन की ओर आ गया और बच्चों को गणवेश का वितरण नहीं हो पाया। 26 जनवरी से एक दिन पहले जो गणवेश वितरित की भी गई, उसमें भारी खामियां सामने आईं। कहीं गणवेश छोटी-बड़ी थीं तो कहीं गुणवत्ता खराब रहीं, इसके साथ ही कम संख्या में भी स्कूलों में गणवेश पहुंची। जिससे पूरे बच्चों को इसका वितरण नहीं हो पाया और जिन्हे हुआ उन्होने खामियों के कारण उसे लौटा दिया।

कब होगा वितरण

सवाल यह है कि बच्चों को अब गणवेश का वितरण कब होगा। फरवरी चल रही है और अप्रैल में सत्र खत्म हो जाएगा। इससे पहले सभी बच्चों को गणवेश वितरण होना संभव नहीं लग रहा है।

गणवेश में ज्यादा समस्या नहीं है, जहां समस्या आ रही है, वहां से गणवेश लेकर उन्हे दूसरी दी जाएगी। जहां तक कम संख्या का सवाल है तो प्रवेश प्रक्रिया पूरे साल चलती है, बच्चे कम ज्यादा होते रहते है। सभी बच्चों को गणवेश प्रदान की जाएगी

आशीष टांटिया

जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र

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