खेल स्टेडियम को लेकर बना विवादों का स्टेडियम सात साल बाद भी बरकरार

खेल स्टेडियम को लेकर बना विवादों का स्टेडियम सात साल बाद भी बरकरार
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1 फरवरी को सिंधिया बीज निगम में तलाशेंगे संभावनाएं, 15 करोड़ बताई जा रही लागत

-निज प्रतिनिधि-

गुना। शहर में प्रस्तावित भव्य खेल स्टेडियम को करीब 7 सात पहले खड़ा हुआ विवादों का स्टेडयम अब भी बरकरार बना हुआ है। तब भी विवाद श्रेय की राजनीति से उपजा था और अब भी इसी राजनीति के स्टेडियम निर्माण की राह में बाधा बनने की आशंका बन रही है। दरअसल स्टेडियम को लेकर एक तरफ अपने महाराज एवं कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर कांग्रेसी शहर में जमीन तलाश रहे है तो दूसरी तरफ नगर पालिका का कहना है कि इसको लेकर न सिर्फ टेंडर जारी हो चुके है, बल्कि वर्क ऑर्डर तक निकल चुका है। इसी विवाद के बीच श्री सिंधिया 1 फरवरी को स्टेडियम के लिए बीज निगम में संभावनाएं तलाशने रहे है। सिंधिया के इस स्टेडियम की लागत 15 लाख बताई जा रही है।

कौन बोल रहा है सच और कौन झूठ?

एक तरफ स्टेडियम के लिए कांग्रेसी जमीन तलाश रहे है तो दूसरी तरफ नगर पालिका इसके लिए वर्क ऑर्डर जारी होने तक की बात कह रही है। हालांकि दोनों की योजनाओं में जमीन आसमान का अंतर आ रहा है। जानकारी मुताबिक मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में तीन कार्य स्वीकृत हुए है। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जगनपुर में क्रिकेट स्टेडियम एवं एस्ट्रोटर्फ के साथ प्रसिद्ध सिद्ध स्थल हनुमान टेकरी पर पथ परिक्रमा। संजय स्टेडियम को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी लागत 11 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी, वहीं जगनपुर में सिर्फ क्रिकेट के लिए एक स्टेडियम बनेगा, जिसकी लागत 4.11 करोड़ रुपए होगी। इसके साथ ही हनुमान टेकरी पर पथ परिक्रमा 5 करोड़ की लागत से बनना है। नपाध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा इनके वर्क ऑर्डर तक जारी होने की बात कह रहे है, वहीं कांग्रेस महासचिव योगेन्द्र लुम्बा का कहना है कि कोई टेंडर या वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए है। जो बात कही जा रही है वह 2011-2012 की है, बात में इसी में अडंगा डाल दिया गया था। अब जो स्टेडियम बनने जा रहा है, वह फिलहाल जगनपुर में बनेगा या फिर बीज निगम परिसर में, इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। यह स्टेडियम लोक निर्माण विभाग, खेल विभाग एवं सांसद निधि के सहयोग से बनेगा। इसमें 5 लाख की राशि प्रदेश सरकार भी देगी और कोशिश रहेगी कि पूर्व में स्वीकृत गेल, एनएफएल की राशि को भी लिया जाए।

कहां बने? जगनपुर चक या बीज निगम, कांग्रेसी खोज रहे जवाब

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा बनवाया जाने वाला स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स कहां बने? इस सवाल का जवाब कांग्रेसी पिछले करीब हफ्ते भर से खोजने में दिमागी घोड़े दौड़ाने के साथ शारीरिक मशक्कत भी कर रहे है। जगनपुर की पूर्व प्रस्तावित जमीन भी वह देख चुके है तो बीज निगम परिसर को भी समझने की कोशिश कर रहे है। अब इस संबंध मेंं अंतिम निर्णय उनके महाराज सांसद श्री सिंधिया को ही करना है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव योगेन्द्र लुम्बा के मुताबिक श्री सिंधिया 1 फरवरी को गुना आएंगे और बीज निगम परिसर को देखेंगे। इसके बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

स्टेडियम में जिम और स्वीमिंग पुल तक होगा

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा प्रस्तावित स्टेडियम की जो परिक्रल्पना तैयार की गई है, उसमें क्रिकेट मैदान के साथ जिम, स्वीमिंग पुल आदि की व्यवस्था भी जुटाई जाना है।यह पूरा स्र्पोट्र्स कॉम्पलेक्स होगा। जिसमें फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स आदि खेलों की सुविधाएं होंगी। जिस पर लागत 15 करोड़़ आना बताया जा रहा है।

2011-2012 से चला आ रहा विवाद

खेल स्टेडियम को लेकर विवाद करीब सात साल पूर्व 2011-2012 से चला आ रहा है। तब स्पोर्टस कॉम्पलेक्स संजय स्टेडियम में बनाने की जानकारी सामने आई थी। तत्कालीन समय यह सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था और निर्माण की जिम्मेदारी नगर पालिका को सौपी गई थी। जिसने इसको लेकर प्रक्रिया भी शुरु कर दी थी, किन्तु बाद में जानकारी सामने आई कि चूंकि संजय स्टेडियम की जमीन नगर पालिका की नहीं है, इसलिए नपा वहां काम नहीं कर सकती। इसको लेकर कांग्रेस ने भाजपा शासित नपा पर स्टेडियम की राह में अड़ंगे डालने का आरोप लगाया था, वहीं भाजपा का कहना रहा था कि विकास के नाम पर सांसद जनता को छलने का प्रयास कर रहे है।

जगनपुर में आवंटित हुई जमीन, सिंधिया ने बापू पार्क में भूमिपूजन किया, किन्तु काम शुरु नहीं हुआ

संजय स्टेडियम में काम करने से नपा द्वारा हाथ खड़े करने के बाद सांसद ने प्रशासन के समक्ष स्टेडियम जगनपुर में बनाने का प्रस्ताव रखा। सांसद के इस प्रस्ताव पर प्रशासन ने जमीन भी आवंटित कर दी। इसके बाद प्रस्ताव खेल एवं युवा कल्याण विभाग को भेजा गया। जहां से इसे स्वीकृति नहीं मिलने की बात कांग्रेस की तरफ से आई। तब इस विभाग की मंत्री सांसद श्री सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया थी। इस बीच सांसद ने बापू पार्क में खेल स्टेडियम के लिए भूमिपूजन भी कर दिया, वहीं वर्तमान श्रम मंत्री के रुप में लगातार धरना प्रदर्शन भी किया गया। इन सबके बावजूद स्टेडियम का निर्माण शुरु नहीं हो पाया। फिर विधानसभा चुनाव हुए और प्रदेश में एक बार फिर भाजपा भारी बहुमत से सत्तासीन हुई। इसके बाद पूरे पांच साल तक इस स्टेडियम की बात नहीं उठी। अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस सत्तासीन हुई है तो स्टेडियम फिर चर्चाओं में आ गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने शहर में कराए करोड़ों के विकास कार्य : सलूजा

पूरे मामले को लेकर नपाध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहर में करोड़ों के विकास कार्य कराए है। दो स्टेडियम शहर में स्वीकृत हो चुके है। टेंडर के साथ वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुके है। कांग्रेस की सरकार है, वह चाहे तो आज से, अभी से भूमिपूजन कर काम शुरु करवा सकते है। विकास कार्यों में नपा पूरी तरह सहयोग को तैयार है।




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