बंदियों को दी गई कानून की जानकारी

बंदियों को दी गई कानून की जानकारी
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-निज प्रतिनिधि-

गुना। दंड प्रक्रिया संहिता में उपबंधित प्लीबार्गेनिंग 7 वर्ष से कम सजा से दंडनीय मामलों (आपवादिक प्रकरणों के अलावा) में अपराध का प्रायश्चित किए जाने का एक सुगम विकल्प है, जिसके माध्यम से अपराधी के दंड के परिणाम को कम किया जा सकता है तथा पक्षकारों के मध्य आपसी वैमनस्य का भी अन्त हो जाता है। उक्त विचार जिला जेल में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एके मिश्र द्वारा व्यक्त किए गए। इस अवसर पर श्री मिश्र द्वारा अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के कार्य एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा बंदियों के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी भी प्रदान की गई।

जेल में रहकर करें प्रायश्चित

कार्यद्मछ्वष् में विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हर्ष सिंह बहरावत ने बंदियों से कहा कि जेल में रहकर अपने अपराध का प्राश्चित करें तथा जेल से मुक्त होकर अपने परिवार के साथ समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित होने का प्रयास करें तथा अपराध की पुनरावृत्ति से बचें।

अधिकार व कर्तव्य की जानकारी दी

कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा द्वारा नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता विनियम 2010, बंदियों के अधिकार व कर्तव्य की जानकारी दी गई। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ जेल उपाधीक्षक अतुल सिन्हा द्वारा व्यक्त किया गया। इस मौके पर कानून से जुड़ी अन्य जानकारियां भी बंदियों को प्रदान की गईं। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना सहित कर्मचारीगण व बंदीगण उपस्थित रहे।

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