पाले से सब्जी खराब, महंगी भी हुई

गुना। मौसम में भलें ही सर्दी से ेदो दिनों से राहत मिलने लगी है, किन्तु इससे पहले पड़ी कड़ाके की सर्दी के नतीजे अब सामने आ रहे है। ठंड से फसल को तुषार ले गया है। जहां सब्जी खराब हो गई है तो धनिया भी इससे प्रभावित हो गया है। सब्जी के खराब होने से इसकी आवक प्रभावित हुई है। जिससे मंडी में सब्जी महंगी हो गई है। कृिष विभाग ने बताया कि पाले से नुकसान जरुर हुआ है, किन्तु यह ज्यादा नहीं है। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर गठित टीम ने सर्वे भी शुरु कर दिया है, टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कुंभराज, चांचौड़ा में सर्वाधिक नुकसान
पाले से यूं तो जिले भर में फसल को नुकसान पहुँचा है, किन्तु सबसे ज्यादा नुकसान चांचौड़ा और कुंभराज में सामने आया है। यहां धनिया को नुकसान पहुँचा तो सब्जी काली पड़ गई है। ऐसा लग रहा कि किसी ने जला दिया हो। कुंभराज के रामदयाल धनिया में भारी नुकसान की बात कर रहे हैं। उन्होने कहा कि धनिया का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होंगे।
टमाटर, भट्टे सबसे ज्यादा खराब
फसल में टमाटर और भट्टे को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा है। टमाटर जहां पिचक गए है तो भट्टा भी काला पड़ गया है। जहां किसान 25 फीसद से अधिक नुकसान बता रहे है तो कृषि विभाग का आंकनल 5से 10 फीसद का ही है। जिले में ९२५ हेक्टेयर में टमाटर लगाया गया है। सब्जियां खराब होने से मंडी में इनके दाम डेढ़ गुने हो गए है। टमाटर, मटर, भट्टे, फली सब महंगे हुए है। नुकसान का सर्वे जो टीम कर रही है, उसमें राजस्व विभाग से आरआई व पटवारी, कृषि विभाग से आएईओ, उघनिकी से उद्यान विस्तार अधिकारी, पंचायत का कोई एक जन प्रतिनिधि और पंचायत से सचिव या रोजगार सहायक शामिल हैं।
बना हुआ खतरा
कृषि विभाग का कहना है कि भलें ही तापमान बढ़ गया हो, किन्तु फसल पर अभी भी पाले का खतरा बना हुआ है। कृषि विभाग के उपसंचालक यूएस तोमर ने बताया कि फसल को पाले से बचाने के लिए किसानों को खेतों में धुंआ करना चाहिए। इसके अलावा वे सल्फर का छिड़काव कर सकते हैं। साथ ही खेतों में सिंचाई करें। पानी से खेतों में तापमान अपेक्षाकृत बढ़ जाता है। इससे फसल पाले से बची रहती है। दूसरी ओर तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच गया है तो दिन में धूप से ही फसल को राहत मिल रही है।
