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बेलगाम हुआ भ्रष्टाचार ! जानवर भी नहीं खाए उस चावल से अपनी भूख मिटाने को मजबूर है गरीब

बेलगाम हुआ भ्रष्टाचार ! जानवर भी नहीं खाए उस चावल से अपनी भूख मिटाने को मजबूर है गरीब
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बेलगाम हुआ भ्रष्टाचार ! जानवर भी नहीं खाए उस चावल से अपनी भूख मिटाने को मजबूर है गरीब

गुना। इन्हे डर तो शायद ईश्वर का भी नहीं है? तभी तो यह वो भी करने से नहीं चूक रहे है, जिसके लिए ईश्वर भी इन्हे कभी माफ नहीं करेगा। जिस चावल को जानवर भी नहीं खाएं और नाक सिकोडक़र मुंह फेर लें। इनकी करतूत से उस चावल से गरीब अपनी भूख मिटाने को मजबूर है। बात हो रही है सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों के लिए वितरित होने आए चावल की। एक माह में दूसरी बार कीड़े युक्त बेहद घटिया चावल का आवंटन किया गया है। मध्य स्वदेश की सक्रियता से हुए इस सनसनीखेज खुलासे का बाद जिले भर की राशन दुकानों तक काफी हद तक उक्त चावल पहुंचने से बच गया, किन्तू खबर है कि कुछ जगह उक्त चावल का राशन दुकानों पर आवंटन हो गया है। गौरतलब है कि गरीबों के चावल में रेंग रहे कीड़े, बदबू इतनी की उलटी हो जाए शीर्षक से प्रकाशित समाचार से किए गए सनसनीखेज खुलासे के बावजूद से प्रशासनिक तंत्र में हडक़ंप मचा हुआ है। नागरिक आर्पूति निगम की एक टीम बुधवार को नानाखेड़ी स्थित गोदाम पर पहुँची और चावल की जांच की। टीम ने माना कि चावल की गुणवत्ता खराब है। गरीबों के खाने लायक तो चावल बिल्कुल नहीं है।

बोरी के बाहर तक रेंग रहे कीड़े

गरीबों के लिए जो चावल आया है। उसकी खराब स्थिति दूसरे दिन और खुलकर सामने आ गई। चावल में कीड़े इतने ज्यादा है कि यह बोरी के बाहर तक रेंग रहे है। हालांकि गुणवत्तापूर्ण चावल भी मौजूद है और दोनों चावलों को गोदाम में अलग-अलग रखवाया गया है। चिंता अब इस बात की भी है कि घटिया चावल के कीड़े रेंगते हुए अच्छे चावल तक नहीं पहुँच जाए। नहीं तो वह चावल भी खराब हो जाएगा। इसके लिए जरुरी है कि दोनों में से एक चावल गोदाम से हटाए जाएं। इसके साथ ही चावल बदबू भी मार रहा है तो टूटन बहुत ज्यादा होने से चावल पीला भी है। चावल को जब हाथ में लेकर देखा गया तो कीड़े हाथों में रेंगने लगे।

2450 बोरी खराब बता रहे चावल

गुरुवार को गोदाम पर जांच के लिए पहुँची मध्य प्रदेश नागरिक आर्पूति निगम की टीम को भी चावल घटिया मिला। टीम का नेतृत्व क्षेत्रीय प्रबंधक जेके सारासर कर रहे थे तो टीम में तकनीकी अधिकारी श्री बंजारा एवं विभाग के जिला प्रबंधक रुप सिंह सोलंकी भी शामिल रहे। प्रबंधक सोलंकी ने बताया कि करीब 2450 बोरी चावल खराब निकला है। इस चावल को खारिज कर दिया गया है अब इसे मिल मालिक को वापस किया जाएगा। जो अपने खर्च पर इसे ले जाएगा।

रीवा से आया है चावल, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर भी भेजा

राशन दुकानों के लिए यह चावल रीवा से आया है। इस पर रीवा के नाम का टैग भी लगा है। न सिर्फ गुना, बल्कि शिवपुरी, अशोकनगर और दतिया सहित अन्य जिलों में भी ऐसा ही चावल भेजा गया है। वहां भी कुछ राशन दुकानों पर चावल पहुंचने के साथ ही गरीबों को वितरण होने का भी समाचार है। मामला खुलने के बाद अब कहा जा रहा है कि उक्त चावल राशन दुकानों से भी वापस लिया जाएगा तो जो गोदाम में रखा है, उसे मिल मालिक को वापस दिया जाएगा। सूत्र बताते है कि यह सारा गोरखधंधा आर्पूति निगम के अधिकारियों एवं मिल मालिकों की सांठ-गांठ से चल रहा है।

मिल मालिकों का इंतजार कर रहा सड़ा चावल

यह पहली बार नहीं है जब गरीबों के लिए सड़ा चावल भेजा गया है, बल्कि एक माह में दूसरी बार यह दुस्साहस सामने आया है। सितंबर माह में भी घटिया चावल चावल भेजा गया था। इस चावल को मिल मालिक को वापस करने की बात तत्समय की गई थी, किन्तु अब तक उक्त चावल वापस नहीं हुआ है। सैकड़ों टन चावल अभी भी गोदाम में पड़ा रहकर मिल मालिकों का इंतजार कर रहा है। इसको लेकर वेयर हाउस कॉप्रोरेशन के जिला प्रबंधन एसके बिसारिया का कहना है कि चावल खराब है या अच्छा। गोदाम में रखा है तो इसका किराया नागरिक आर्पूति निगम से वसूला जाएगा, वहीं निगम के प्रबंधक रुप सिंह सोलंकी का कहना है कि यह किराया मिल मालिक से वसूला जाएगा।

रात तक चलती रही लीपापोती की कोशिश

घटिया चावल को लेकर बीते रोज रात तक लीपापोती का प्रयास चलता रहा। गोदाम पर ट्रकों से चावल उतरने के दौरान ही जिम्मेदारों को इसके घटिया होने की सूचना दे दी गई थी। इसके बाद भी शाम तक पूरा चावल उतरवा लिया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक निगम की ओर से मौके पर तैनात कर्मचारियों पर लगातार इसके लिए दबाव बनाया जाता रहा। चावल जब घटिया होने की बात कही गई तो कर्मचारी को फटकार तक लगाई गई। बाद में इसे राशन की दुकानों तक कैसे पहुँचाया जाए? इसको लेकर तिकड़म भिड़ाई जाती रही। इस बीच मध्य स्वदेश की टीम सक्रिय हो गई थी। जब अधिकारियों को मोबाइल घनघनाए गए तो मामला गुरुवार तक टाल दिया गया। सुबह समाचार प्रकाशित होने के साथ ही हडक़ंप मच गया। मामले में अपनी सक्रियता दिखाने नागरिक आर्पूति निगम की टीम भी मौके पर पहुँच गई। हालांकि इस बीच जिले की कुछ राशन दुकानों पर चावल पहुँचने की भी खबर है।

घटिया एवं अच्छे चावल को अलग-अलग रखवाया गया है। नागरिक आर्पूति निगम की टीम जांच के लिए आई थी। उन्ही की रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। सितंबर माह में जो चावल घटिया निकला था। वह अभी भी गोदाम में पड़ा है।

एसके बिसारिया

जिला प्रबंधक वेयर हाउस कॉप्रोरेशन गुना

निगम की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी। जिसमें 2450 बोरी चावल की गुणवत्ता ठीक नहीं निकली है। इस चावल को मिल मालिक को वापस किया जाएगा।

रुप सिंह सोलंकी

जिला प्रबंधक मध्य प्रदेश नागरिक आर्पूति निगम गुना

Updated : 28 Oct 2020 2:46 PM GMT
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स्वदेश गुना

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