FIDE Women's World Cup: 19 साल की दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, भारत को दिलाया महिला चेस वर्ल्ड कप में पहला खिताब

Divya Deshmukh
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Women's Chess World Cup Final: भारत की 19 साल की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। जॉर्जिया में आयोजित महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में उन्होंने कोनेरू हंपी को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही दिव्या इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं। पिछले साल जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अब उन्होंने सीनियर स्तर पर भी कमाल कर दिखाया है। महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 जीतने के बाद वह भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर (Grandmaster) बन गई हैं।


रैपिड राउंड में दिव्या की रणनीति पर भारी पड़ी हंपी की चूक

सोमवार को खेले गए रैपिड राउंड के पहले गेम में नागपुर की 18वीं रैंकिंग वाली दिव्या देशमुख ने सफेद मोहरों से आक्रामक शुरुआत की। 5वीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली अनुभवी कोनेरू हंपी ने काले मोहरों से संतुलित खेल दिखाते हुए मुकाबला ड्रॉ कराया और शुरुआती बढ़त हासिल की। दूसरे रैपिड गेम में तस्वीर बदल गई। इस बार काले मोहरों से खेल रहीं दिव्या शुरुआत से ही हावी नजर आईं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोनेरू हंपी को टाइम मैनेजमेंट में दिक्कतें आईं। इसी दबाव में उन्होंने एक बड़ी चूक कर दी, जिसने मैच का रुख बदल दिया।

विश्वनाथन आनंद की भविष्यवाणी हुई सच

चेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिव्या देशमुख इस टूर्नामेंट में बेहतरीन तैयारी के साथ उतरी थीं। बता दें 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन और 2 बार के FIDE वर्ल्ड कप विजेता विश्वनाथन आनंद ने मैच से पहले ही संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था, “कोनेरू हंपी बेहद मज़बूत हैं, लेकिन फिलहाल मोमेंटम थोड़ा दिव्या के पक्ष में नज़र आ रहा है।” अंततः आनंद की यह भविष्यवाणी बिल्कुल सटीक साबित हुई।

भारत ने रचा नया चेस इतिहास

FIDE वर्ल्ड कप 2025 में भारत की दो खिलाड़ियों ने चीन की बादशाहत को चुनौती देते हुए इतिहास रच दिया। नॉकआउट टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचने के सफर में 38 साल की कोनेरू हंपी और 19 साल की दिव्या देशमुख ने कई शीर्ष चीनी खिलाड़ियों को शिकस्त दी।

महिला वर्ग की वर्ल्ड रैंकिंग में चीन के 14 खिलाड़ी टॉप 100 में हैं, जबकि भारत के 9। इसके बावजूद कोनेरू और दिव्या की दमदार जीतों ने दिखा दिया कि अब भारत भी शतरंज की दुनिया में बड़ी ताकत बनकर उभर चुका है। इस टूर्नामेंट में दोनों ने चीनी रणनीति की एक-एक परत खोलते हुए भारत को चैंपियन बना दिया।

कैंडिडेट्स’ टूर्नामेंट के लिए भी किया क्वालिफाई

FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 की विजेता बनने पर दिव्या देशमुख को करीब 42 लाख रुपये (50,000 अमेरिकी डॉलर) की इनामी राशि मिली है। वहीं उपविजेता कोनेरू हंपी को भी 35,000 डॉलर यानी लगभग 30 लाख रुपये का इनाम मिला। इन दोनों खिलाड़ियों ने न केवल खिताबी रेस में जगह बनाई, बल्कि अब वो शतरंज की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ‘कैंडिडेट्स’ के लिए भी क्वालिफाई कर गई हैं।

फाइनल तक का सफर रहा रोमांचक

FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल तक पहुंचने का सफर कोनेरू हंपी और दिव्या देशमुख दोनों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। पांचवीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी जो ओलिंपियाड, एशियाड और एशियन चैंपियनशिप की गोल्ड मेडल विजेता हैं, उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की तीसरे नंबर की खिलाड़ी लेई टिंगजी को टाईब्रेक में 5-3 से हराया। क्वार्टरफाइनल में हंपी ने चीन की ही वर्ल्ड नंबर 36 सॉन्ग युक्सिन को मात दी।

वहीं नागपुर की 19 वर्षीय इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में चीन की वर्ल्ड नंबर 8 तान झोंगयी को 1.5-0.5 से हराकर सबको चौंका दिया। क्वार्टरफाइनल में उन्होंने भारत की ही स्टार ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली को हराया। क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, लेकिन टाईब्रेक में दिव्या ने शानदार जीत दर्ज की। प्री-क्वार्टरफाइनल में भी दिव्या ने चीन की छठी वर्ल्ड रैंकिंग वाली झू जिनेर को 2.5-1.5 से शिकस्त दी।

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