Home > एक्सक्लूसिव > सलमान ने क्यों दिखाया साधुओं को बैक डांसर

सलमान ने क्यों दिखाया साधुओं को बैक डांसर

विवेक पाठक

सलमान ने क्यों दिखाया साधुओं को बैक डांसर
X

दबंग 3 फिल्म को लेकर हो रहे विरोध के बाद आखिर सलमान खान प्रोडक्शन ने यूटर्न लिया है। दबंग 3 से साधु-संतों का भद्दा डांस हटा लिया है। फिल्म से से कुछ मिनिटों की कटिंग यह कहकर की गई है कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए ऐसा किया गया।

सलमान खान प्रोडक्शन की इस सफाई पर सहज सवाल उठता है। क्या जनभावनाओं का मोल बिना विरोध के कुछ नहीं है। क्यों साधु-संतो को डांसर दिखाकर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया जाता है। क्यों ऐसा एक बार नहीं बार बार किया जाता है। क्यों स्क्रीन प्ले लिखने वाले हिन्दुओं की मान्यताओं से लेकर उनके पूरे विचार पर आए दिन चोट करते हैं। आज आपने दबंग 3 देखी है। कुछ पीछे याद करें तो बहुत सी फिल्में हिन्दुओं का उपहास उड़ाते दिखेंगी।

आमिर खान की पीके इस मामले में हद दर्जे तक आगे रही। फिल्म सभी धर्मों के नाम पर चली मगर ध्यान से देखेंगे तो असल में हिन्दुओं के धार्मिक विश्वासों को पाखंड बताने वाली घृणित कोशिश रही। पीके का नायक मंदिरों के पुजारी को पाखंडी और लालची बताता है। वह दानपेटी में अपना पर्स डालकर सिद्ध करता है कि मंदिरों में पुजारी कैसे मनमानी पर उतारु हैं। फिल्म का खलनायक हिन्दू धर्म का स्वामी है नए नए प्रकार से पाखंड करता है। इस तरह पीके फिल्म छिपे हुए रुप से हिन्दु प्रतिनिधि को पाखंडी बताती है। फिल्म पाखंडी स्वामीजी के नाम से हिन्दुओं के संत,महात्मा, प्रवचनकर्ताओं पर छिपे हुए रुप से प्रहार करती है। पीके में हिन्दुओं के आराध्य भगवान शिव को असहाय रुप से बताकर हिन्दुओं के धार्मिक विश्वास पर तीखा प्रहार किया गया है। शौचालय में त्रिशूल लिए शिवरुपी कलाकार को डरा दिखाकर फिल्मकार ने शिव के नाम पर घटियापन से मनोरंजन करने का कुत्सित प्रयास किया है। आगे-आगे शिव, पीछे भागता पीके आखिर किस उद्देश्य के साथ पीके में दिखाए गए हैं। भगवान की मूरतों को बिकाऊ बताकर उनकी स्थापना के औचित्य पर सवाल खड़ा किया गया है। असल में इस तरह की फिल्में हमारे सनातन विश्वासों को हिलाने के लिए पर्दे पर उतारी जाती हैं। आखिर करोड़ों सनातनियों का विश्वास ही तो सनातन धर्म की शक्ति है। विश्व में भारत ही तो सनातन धर्म की बहुलता वाला इकलौता देश है। इस देश की मान्यताओं पर हमारे ही देश के कई चुने हुए फिल्मकार और कलाकार अपने अपने तरीके से प्रहार करते हैं। इन सबके बीच सामनता है कि इनका विचार लाल सलाम के नजदीक है और तुष्टिकरण में अव्वल है। इनकी फिल्म के रहीम चाचा भलेभानुष दिखाए जाते हैं मगर मंदिर का पुजारी पाखंडी बताया जाता है। राजकपूर जैसे फिल्मकार इसी विचारधारा के हैं। इनकी राम तेरी गंगा मैली को देखिए और याद कीजिए एक खास दृश्य। मंदिर का पुजारी अबला गंगा को सहारा देने के बहाने घर ले आता है और उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश करता है। सवाल उठता है कि फिल्म में यह पाखंड भगवा वाला पुजारी ही क्यों करता है। क्यों मस्जिद के कोई इमाम और मौलवी व चर्च के फलाने फादर उस फिल्म में राजकपूर द्वारा पाखंडी भूलकर भी नहीं दिखाए जाते। क्या फिल्मी पाखंड का पूरा बोझ हिन्दु किरदारों के सिर पर ही है। आखिर पाखंडी हिन्दु किरदार दिखाकर ऐसे फिल्मकार कौनसी बात गढऩा चाहते हैं हम सबके दिमाग में। क्यों सनातन के खिलाफ विचार दूषित करने की यह मुहिम साल दर साल जारी है।

श्रीदेवी की नगीना याद कर लीजिए मणि के पीछे भागते सपेरे गोरखनाथ के साथ खलनायक दिखाए गए साथी सपेरे क्यों भगवाधारी हैं। क्या इस तरह के षडय़ंत्रकारी अन्य पंथों से फिल्मकारों को नहीं मिल सकते। तमाम अनगनित फिल्में इसी धारा के साथ आपको दिखेंगीं सालों पहले आयी गोविन्दा आदित्य पंचोली की मुकाबला याद कर लीजिए। फिल्म में भगवाधारी स्वामी का आश्रम असल में आतंकवाद का अड्डा निकलता है। आश्रम से निकले गोले-बारुद फिल्म में दिखाए जाते हैं। अक्षय कुमार परेश रावल की ओ मॉय गॉड फिल्म सनातन मान्यताओं पर प्रहार करती ऐसी ही चर्चित फिल्म है। इस फिल्म में मूर्ति पूजा और इस संबंध में हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ खूब व्यंग्य किए गए हैं। मूर्तिपूजक का मजाक उड़ाया गया है तो भगवान को बिकाऊ सा बताकर सवाल खड़े किए गए हैं। कुल मिलाकार कॉमेडी के नाम पर यह फिल्म सनातन विश्वासों को खंडित करती है। ये सिलसिला लंबा है। तमाम फिल्में हिन्दू आस्थाओं का मजाक अलग अलग रुप में बनाते हुए पर्दे पर आती हैं और हम उन्हें देखते जाते हैं। हम विरोध नहीं करते इसलिए ये फिल्में और उनमें विवादित दृश्य बहुत आत्मविश्वास के साथ फिल्मकार और कलाकार हमें दिखा रहे हैं। सलमान खान की दबंग 3 में भी ऐसा ही मजाक भगवाधारी साधु संतों के रुप डांसरों को देते हुए किया गया था। इस फिल्म की इसी बेफालतू कारीगरी का विरोध करने वाले जागरुक सनातनियों को साधुवाद। उन्होंने सोशल मीडिया से लेकर अपने अपने स्तर तक दबंग 3 का इस मामले को लेकर बायकट किया और सलमान खान की इस कारगुजारी का विरोध किया। हर अच्छा विरोध रंग लाता है। दबंग 3 का सही विरोध रंग लाया और सलमान खान को आखिर दबंग 3 में अपनी भगवा विरोधी कथित रचनात्मकता से पीछे हटना पड़ा है तो सनातन और भगवा प्रेमियों। अपनी आस्थाओं पर प्रहार और उसे पाखंड बताने वाले सलमान खान जैसे हर प्रयास का विरोध कीजिए। आपके विश्वास मान्यताओं और सामाजिक चरित्र और छवि बनाए रखने की जिम्मेदारी आप पर ही तो है।

Updated : 29 Dec 2019 12:45 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top