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सुशांत की मौत से सामने आया सिनेमा का स्याह सच

विवेक पाठक

सुशांत की मौत से सामने आया सिनेमा का स्याह सच
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वेबडेस्क। युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद सिने प्रशंसकों में निराशा का माहौल है। वे जानते हैं कि उन्होंने क्या खो दिया है। बीते रोज देश के कानून मंत्री और पटना के सांसद रविशंकर प्रसाद भी जब सुशांत के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो उनके मुख से भी लाखों प्रशंसकों की तरह बस यही निकला कि वो भविष्य कस सुपर सितारा था, हमने कल का शाहरुख खान खो दिया है।

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद सोशल मीडिया पर भावनाओं का ज्वार उमड़ा हुआ है। सुशांत को न्याय दिलाने की मांग करते लाखों ट्वीट किए जा रहे हैं। अनगिनत प्रशंसकों ने अपने कमेंट में लिखा है कि यह चमकता हुआ सितारा हिन्दी सिनेमा के भाई भतीजावाद और निर्देशकों के एलीट क्लब द्वारा दी गई छिपी मानसिक प्रताडऩा का शिकार हुआ है। यशराज बैनर, करण जौहर से लेकर कई निर्देशकों की खेमेबाजी के खिलाफ प्रशंसक सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं। इन आरोपों को सिने कलाकारों द्वारा किए जा रहे खुलासे से लगातार बल मिल रहा है। सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग भी जोर पकड़ रही है।

इन सब आरोपों के बीच सवाल उठता है कि आखिर सुशांत का एलीट क्लब निर्देशकों ने सामूहिक बॉयकॉट किया तो आखिर क्यों। इस मामले में कई दृष्टिकोण कंगना रनौत, पायल रोहतगी, शेखर कपूर, केआरके से लेकर कई परिचित सुपरिचित सिनेकर्मियों ने दिए हैं। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लाखों कमेंट में एक बात खुलकर कही जा रही है कि 30 और 40 के बीच की उमर के जिन कलाकारों में भविष्य के सुपरस्टार को देखा जा रहा था उसमें सुशांत सिंह राजपूत सबसे आगे थे। उनके साथ रणवीर कपूर, रणवीर सिंह, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अर्जुन कपूर वे नाम हैं जो अगले 20 से 30 सालों तक फिल्म में नायक की जगह ले सकते हैं मगर ये निरंतरता इतनी आसान नहीं होती। आज खान त्रयी के अलावा अजय देवगन और अक्षय कुमार ही 50 पार भी नायक की फ्रेम में दिखते हैं और पसंद किए जा रहे हैं

हालांकि खानों में भी शाहरुख की फिल्में बंद हैं और पिछले 5 सालों में जो बनी हैं वे दम से पिटी हैं। आमिर ने एक साल एक फिल्म के फार्मुले से खुद को प्रासंगिक बना रखा है। ले देकर केवल सलमान खान किसी तरह अपना चार्म बनाकर अभी तक चल रहे हैं। युवा कलाकारों में चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए रणवीर कपूर, अर्जुन कपूर, वरुण धवन की अदाकारी में अभी चमक का इंतजार है। आयुष्मान और राजकुमार राव भी सुशांत की तरह पसंद हो रहे हैं

मगर सुशांत सिंह राजपूत कई मामलों में इनसे भी आगे रहे। आयुष्मान और राजकुमार जोनर विशेष की फिल्मों तक सीमित हो गए जबकि सुशांत की फिल्में विविधता के साथ आयीं। उन्हें ईश्वर से लंबा ऊंचा सुगठित शरीर मिला तो उनकी सहज मुस्कान सिनेमा को खूब भायी। वे नामचीन कोरियोग्राफर श्यामक डाबर से डांस में ऐसे पारंगत होकर आए कि संघर्ष के दिनों में भी कॉमनवेल्थ में ऐश्वर्या राय के साथ कैमरे की नजर में आ गए थे। टीवी पर पहुंचे तो वहां चमके और अपने अभिनय, एपीयरेंस और खूबसूरत मुस्कुराहट के कारण फिल्मों में पहुंचे। सुशांत सिंह राजपूत ने अभी लव स्टोरी और बायोपिक में ही काम किया लेकिन उनका डांस, एक्शन और इमोशन पर्दे पर चमकना बाकी था अभी।

सोचकर देखिए कि किसी फिल्म में उन्हें ऋतिक रोशन की तरह थिरकने का मौका मिलता या कभी वे हमें खाकी में सरफरोश फिल्म की तरह एसीपी राठौर जैसे दिखते। काश संजय लीला भंसाली की किसी फिल्म में वे हम दिल दे चुके सनम के वनराज बनते। ये काश और ये कल्पनाएं अब केवल कोरी हैं। जिनमें रंग भरने से पहले ही पहले के रंग भी बह गए। 34 साल के सुशांत वाकई में हिन्दी सिनेमा के सूरज बनने की काबिलियत रखते थे मगर समय से पहले अस्त हो गए। निश्चित ही हमने भविष्य का वो सुपरस्टॉर खोया है जिसकी मौत की हकीकत देश के सामने आनी ही चाहिए।

Updated : 21 Jun 2020 2:13 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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