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पाई दिवस : पाई ने बताया ब्रह्माण्ड अंडाकार है, गणितज्ञ आर्यभट ने दिया था सिद्धांत

हर साल की तरह कल 14 मार्च को मनाया जायेगा पाई दिवस

पाई दिवस : पाई ने बताया ब्रह्माण्ड अंडाकार है, गणितज्ञ आर्यभट ने दिया था सिद्धांत
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वेबडेस्क। विश्व में 14 मार्च को पाई दिवस मनाया जाता कल हैं। पाई का गणित में एक महत्वपूर्ण नियतांक है, जिसका उपयोग गणित की कई जटिल गणनाओं को करने के लिए जाता है।अगर पाई के मान पर नजर डालें तो पाएंगे कि वह 3.14 है यानि साल के तीसरे महीने की 14 तारीख। वर्ष 2009 में अमेरिका ने १४ मार्च के दिन को अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस घोषित किया। जिसके बाद से हर वर्ष पाई दिवस मनाया जाने लगा।

लेकिन पाई के सिद्धांत को पूरी दुनिया को देने का शीर्ष श्रेय प्रतिष्ठित गणितज्ञ आर्यभट को जाता है। दुनिया भर में पाई पर कई शोध किये जा चुके है। सबसे पहले 1706 में विलियम जोंस ने (π) का इस्तेमाल किया था। इसके बाद 1737 में स्विस गणितज्ञ लियोनार्ड यूलर ने प्रयोग में लाना शुरु किया जिसके बाद पाई लोकप्रिय ज्यादा हो गई। 1988 में भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ द्वारा सबसे पहले पाई दिवस मनाया गया था।

पाई के विभिन्न उपयोग-

* पाई की मदद से जान पाए की ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है।

* मिस्त्र में पाई का प्रयोग पिरामिड बनाने और उसका आकर ज्ञात करने हेतु किया जाता है।

* खगोल शास्त्री दो तारो के बीच की दूरी को मापने के लिए पाई का ही उपयोग करते है।

*पाई के महत्वपूर्ण उपयोगों में से एक उपयोग नदी की लंबाई को नापना है। गणितज्ञों के अनुसार नदी में कई स्थानों पर घुमाव होते है जिसकी वजह से उसकी वास्तविक लंबाई नापना काफी कठिन होता है। इसलिए गणित के सिद्धांत के हिसाब से एक सीधी रेखा के तौर नदी की लम्बाई ली जानी चाहिए लेकिन नदी में कई घुमाव होते है, इसलिए पाई का उपयोग किया जाता है। लम्बाई को नापने के दौरान उसके घुमाव पर लम्बाई का औसत मान 3.14 माना जाता है, जो की पाई का मान है।

Updated : 13 March 2020 1:50 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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